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30% सिलेबस घटाया, ऑब्जेक्टिव सवाल दिए, फिर भी 10वीं में जो छात्र 73% लाए, वे 12वीं में 47% ही ला सके

Banswara
30% सिलेबस घटाया, ऑब्जेक्टिव सवाल दिए, फिर भी 10वीं में जो छात्र 73% लाए, वे 12वीं में 47% ही ला सके
@HelloBanswara - Banswara -
 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को 12वीं विज्ञान व कॉमर्स का रिजल्ट जारी कर दिया। विज्ञान में 96.37 व कॉमर्स में 94.30 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए। कोरोना के 2 साल का रिजल्ट छोड़ दंे तो यह सबसे ज्यादा है। 2013 से 2020 तक कॉमर्स का रिजल्ट कभी भी 91 व विज्ञान का 93 प्रतिशत से ऊपर नहीं गया। हालांकि पिछले साल की तुलना में साइंस का 2.6 और कॉमर्स का परिणाम 5.70 प्रतिशत कम रहा। जबकि इस साल 30 प्रतिशत सिलेबस कम किया गया था। वहीं, बच्चों को पहली बार ऑब्जेक्टिव सवाल भी दिए गए थे। इसे आधार मानें तो रिजल्ट कम रहने के पीछे कोरोना में लर्निंग गेप होना है। क्योंकि-जो स्टूडेंट्स 12वीं में थे, उन्होंने दसवीं व 11वीं में पढ़ाई ऑनलाइन ही की और पिछले साल तो परीक्षा भी नहीं दी थी। पिछले दिनों एनसीईआरटी के सर्वे में बताया गया था कि देश के 75 प्रतिशत बच्चों की हैंडराइटिंग कमजोर हो चुकी है और उनकी पढ़ाई की आदत छूट गई है। इसे समझने के लिए हमने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने वाले कुछ शिक्षकों से बच्चों की उत्तरपुस्तिकाएं के कुछ अंश (बच्चों के रोल नंबर व उनकी पहचान नहीं पता) मंगवाए। इसके अलावा हमने कई छात्रों की दसवीं व अब 12वीं की मार्कशीट की स्टडी भी की। पता चला कि 2 साल स्कूल की छूटी आदत की वजह से वे बोर्ड एग्जाम में बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर पाए। क्योंकि-उन्हें कक्षा 11वीं में प्रमोट किया गया था। कॉमर्स में बांसवाड़ा पूरे प्रदेश में अंतिम पायदान पर है। वहीं विज्ञान में 15वें स्थान पर रहा।

विज्ञान : 6892 में 6642 स्टूडेंट्स पास, छात्रों का 95 और छात्राओं का रिजल्ट 97 प्रतिशत
{विज्ञान विषय में 7012 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए। परीक्षा में 6892 शामिल हुए। इनमें 6642 स्टूडेंट्स पास हुए। 4634 स्टूडेंट फर्स्ट, 1998 सैकंड और 8 थर्ड डिविजन रहे।

 

काॅमर्स : 158 में 149 हुए पास, 93 प्रतिशत छात्र और 97 फीसदी बेटियों ने मारी बाजी
{ काॅमर्स में इस साल महज 158 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए, जिसमें से 149 पास हुए। फर्स्ट डिविजन 71, सैकंड 56 और थर्ड डिविजन से 22 स्टूडेंट्स पास हुए हैं।


लिखने की आदत छूटने का असर...कैमेस्ट्री-फिजिक्स में सिर्फ 6 से 15 अंक ही मिले
लर्निंग गेप समझाने के लिए भास्कर आपको 2 छात्रों की दसवीं व 12वीं की मार्कशीट यहां दिखा रहा है। दसवीं में इन छात्रों ने 60 से 73 फीसदी तक अंक हासिल किए थे, लेकिन 12वीं में ये बोर्ड एग्जाम में काफी पीछे रह गए। दसवीं की तुलना में इनके अंक 20 प्रतिशत तक कम हो गए। ये पास भी इसलिए हुए, क्योंकि-इन्हें स्कूल स्तर पर सत्रांक व प्रैक्टिकल एग्जाम में दिल खोलकर नंबर दिए गए। यह हालात तो तब है, जब इस साल 30 प्रतिशत कोर्स कम कर दिया गया था।

उत्तर पुस्तिका में एक छात्र ने लिखा फिल्मी डायलॉग-“मैं झुकेगा नहीं...”

स्टूडेंट ने उत्तर पुस्तिका में फिल्म पुष्पा का डायलॉग लिखा-मैं झुकेगा नहीं साला।

एनसीईआरटी सर्वे में कहा गया कि बच्चे लिख नहीं पाते। यही बात उत्तर पुस्तिकाओं को देखकर साबित होती है। कुछ शिक्षकों से उत्तर पुस्तिकाओं के स्क्रीन शॉर्ट मिले। हालात यह है कि 12वीं के छात्र हिंदी तक ठीक से नहीं लिख पाए। कोरोनाकाल में टीवी व मोबाइल पर स्टूडेंट्स का ज्यादा समय बिता, उसका असर भी दिखा। एक स्टूडेंट ने तो हाल ही में चर्चित रहा फिल्मी डॉयलॉग मैं झुकेगा नहीं साला, के साथ ही अपना नाम भी कॉपी पर लिख दिया। इसके अलावा एक कॉपी में स्टूडेंट ने प्रधानाचार्य को पत्र लिख दिया, जिसमें श्रीमती प्रधानाजारजी तो वहीं एक अन्य ने वो तो आम्मविश्वास से मर गई, लिख दिया। इसके अलावा स्टूडेंट मैं और में का प्रयोग भी ठीक से नहीं कर सके।

स्टूडेंट ने उत्तर पुस्तिका में प्रधानाचार्य के स्थान पर ‘प्रधानजारी जी’ लिखा।

टाइम टेबल से पढ़ाई की, महक ने बनाए 96.80%

खांदू कॉलोनी की महक ठाकुर ने विज्ञान में 96.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। पिता अनिल ठाकुर टीचर हैं। उसने भारती विद्याभवन स्कूल में पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि शुरू से ही टाइम-टेबल अनुसार पढ़ाई की, जिससे परीक्षा के समय प्रेशर नहीं रहे। हर दिन 8 से 10 घंटे की पढ़ाई की। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षा लगाने को लेकर समस्या जरूर आई। मां प्रीति ठाकुर का इसमें बड़ा सहयोग रहा है। जब रात में 1 बजे तक पढ़ाई करती थी, उस समय तक भी मां उसके साथ जगती रहती थी।

12वीं (साइंस) में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के से तुलिप भट्‌ट ने 90.80 प्रतिशत अंक और (फोटो में दूसरे) अरथूना की पलक जैन ने सरस्वती विश्नोई ने 91.60 प्रतिशत अंक हासिल किए है।
12वीं (साइंस) में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के से तुलिप भट्‌ट ने 90.80 प्रतिशत अंक और (फोटो में दूसरे) अरथूना की पलक जैन ने सरस्वती विश्नोई ने 91.60 प्रतिशत अंक हासिल किए है।

किसान की बेटी 12-12 घंटे पढ़ी, 96% अंक

विज्ञान में चोखाला की सुमन पाटीदार ने 96% अंक हासिल किए हैं। उसने 12-12 घंटे तक पढ़ाई की है। रटने की बजाय समझने पर अधिक फोकस किया। पिता विट्ठल पाटीदार किसान हैं, उनके दो बेटियां हैं। सुमन सरस्वती स्कूल की छात्रा है और घाटोल के हॉस्टल में रहती थी, ताकि वह केवल पढ़ाई पर ही ध्यान दे सके। सुमन का सपना है कि वह यूपीएससी की तैयारी कर प्रशासनिक सेवा में जाए और माता-पिता का नाम रोशन करें।

बांसवाड़ा में चोखला की रहने वाली सुमन पाटीदार ने 12वीं साइंस में 96 प्रतिशत अंक बनाए हैं। वह भविष्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के सपने के साथ मेहनत कर रही हैं।
बांसवाड़ा में चोखला की रहने वाली सुमन पाटीदार ने 12वीं साइंस में 96 प्रतिशत अंक बनाए हैं। वह भविष्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के सपने के साथ मेहनत कर रही हैं।

रोज का शेड्यूल बनाया, पढ़ाई कर बनाए 68%
कॉमर्स संकाय में शहर के नई आबादी में रहने वाले मुफ्दल ने 68 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। मुफ्दल के पिता हकीमुद्दीन चीनी के बर्तन बनाने की फैक्ट्री में मैनेजर की पोस्ट पर काम करते हैं। उसने अकाउंट्स, इकोनॉमिक्स को लेकर खास तैयारी की। मुफ्दल ने बताया कि सबसे मुश्किल तब भी आई जब परीक्षा के समय रोजे चल रहे थे, लेकिन उसने पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी। हर दिन शेड्यूल बनाकर हर विषय की तैयारी करता था। उसका कहना है कि नियमित रूप से पढ़ाई करने से वह परीक्षा के समय प्रेशर में नहीं आया।


एक्सपर्ट : रामवतार पारीक, विमल चाैबीसा (बायाेलाॅजी), मनीष त्रिवेदी, नीरज दाेसी, एसीबीईअाे, डाॅ. संजय गुप्ता (फिजिक्स)


साइंस में लड़कियां आगे
विज्ञान संकाय में 12वीं की 2130 लड़कियां फर्स्ट डिवीजन पास हुई हैं। सेकंड और थर्ड का आंकड़ा 803 और एक है। कुल मिलाकर 2934 लड़कियां परीक्षा में पास हुई हैं। फर्स्ट डिवीजन से पास होने वालों की संख्या 2504 है। सेकंड और थर्ड की संख्या 1195 और 7 है। दो लड़के केवल पास की श्रेणी में रहे हैं। कुल 3708 लड़के परीक्षा में पास हुए हैं।

12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी की ख़ुशी कलाल ने 90.80 प्रतिशत अंक और बिलिया बड़गामा की दिशा डामोर ने (फोटो में दूसरे) 90 प्रतिशत अंक हासिल किए है।
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी की ख़ुशी कलाल ने 90.80 प्रतिशत अंक और बिलिया बड़गामा की दिशा डामोर ने (फोटो में दूसरे) 90 प्रतिशत अंक हासिल किए है।

कॉमर्स में भी लड़के पिछड़े
कॉमर्स में भी लड़कियां आगे रही। जिले में फर्स्ट, सेकंड और थर्ड कैटेगरी में लड़कों की संख्या 43, 49 और 17 (कुल 109) रही है। लड़कियों के मामले में 28, 7 और 5 (कुल 40) रहा है।

12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी की ध्वनि पटेल ने 91.40 प्रतिशत अंक और उदाजीका गढ़ा की चीकू बुनकर ने (फोटो में दूसरे) 89.8 प्रतिशत अंक हासिल किए है।
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी की ध्वनि पटेल ने 91.40 प्रतिशत अंक और उदाजीका गढ़ा की चीकू बुनकर ने (फोटो में दूसरे) 89.8 प्रतिशत अंक हासिल किए है।

बांसवाड़ा का कोड 3 और कॉमर्स रैंकिंग में 33वां स्थान
कॉमर्स के परीक्षा परिणाम को देखने पर एक खास बात सामने आई है। कोड नंबर के हिसाब से बांसवाड़ा का स्थान तीसरा है, लेकिन परिणाम में सबसे आखरी। पूरे राजस्थान में परीक्षा परिणाम को लेकर बांसवाड़ा का स्थान 33 जिलों में सबसे अंतिम है। यानी यहां का परीक्षा परिणाम सबसे कम रहा है। साइंस में बांसवाड़ा अन्य जिलों की अपेक्षा परिणाम में टक्कर में है।

12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के बिलौदा की अवनी पाटीदार ने 95.2 प्रतिशत अंक, (फोटो में दूसरे) परतापुर के गूंज शाह ने 92.80 प्रतिशत अंक हासिल किए है।
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के बिलौदा की अवनी पाटीदार ने 95.2 प्रतिशत अंक, (फोटो में दूसरे) परतापुर के गूंज शाह ने 92.80 प्रतिशत अंक हासिल किए है।

पिछले सालों में जिले के परीक्षा परिणाम

रिजल्ट

कक्षा 12वीं

वर्ष 2018-19वर्ष 2019-20वर्ष 2020-21वर्ष 2021-2022
साइंस93.6993.9398.9796.37
कॉमर्स90.3189.8510094.30
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी के हर्षराजसिंह चौहान ने 91.20 प्रतिशत अंक और (फोटो में दूसरे) घाटोल के महेंद्र निनामा ने 92.40 प्रतिशत अंक हासिल किए
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के गढ़ी के हर्षराजसिंह चौहान ने 91.20 प्रतिशत अंक और (फोटो में दूसरे) घाटोल के महेंद्र निनामा ने 92.40 प्रतिशत अंक हासिल किए

पहले कोरोना काल और अबकी बार कोर्स में कटौती
साल 2020-21 के परीक्षा परिणाम पर गौर करें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा है। इसकी वजह कोरोनाकाल था। लेकिन, इस बार कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए परिणामों में ज्यादा रियायत तो नहीं दी गई, लेकिन शिक्षा विभाग ने कोर्स कम कर परीक्षार्थियों को राहत देने की कोशिश की थी। इसमें साइंस के बच्चों ने बाजी मारी, जबकि कॉमर्स में इसका ज्यादा असर नहीं देखने को मिला।

12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के वाड़िया कॉलोनी की महक ठाकुर ने 96.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। महक भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती हैं। (फोटो में दूसरे) पीपलखूंट के दर्शन जैन ने 88.60 प्रतिशत अंक हासिल किए।
12वीं साइंस में (फोटो में पहले) बांसवाड़ा के वाड़िया कॉलोनी की महक ठाकुर ने 96.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। महक भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती हैं। (फोटो में दूसरे) पीपलखूंट के दर्शन जैन ने 88.60 प्रतिशत अंक हासिल किए।

यहां से भी इन्होंने बाजी मारी।

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भविष्य का सपना पूरा करने में लगे।
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