5 साल में औसत 4.7 मीटर भू- जलस्तर बढ़ा, ऐसा राजस्थान का एक मात्र जिला
मानसून के बाद देशभर में भूजलस्तर तेजी से गिरता है। गर्मी में हालात यह होते हैं कि एक मटका पानी के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है लेकिन प्रदेश में एक मात्र बांसवाड़ा जिला ऐसा है, जहां पिछले 5 साल में औसत 4.7 मीटर जलस्तर बढ़ा है। इसका कारण यहां लगातार जल संग्रहण पर काम किया जा रहा है। पिछले दो साल के आंकड़े ही देखें तो 7 हजार एनिकट, कुएं, चैकडेम, तालाब बनाए। इसके अलावा पौधरोपण कर मिट्टी का कटाव भी रोका है।
बांसवाड़ा में प्रदेश में सबसे ज्यादा औसत 962.7 मिलीमीटर औसत बारिश होती है। इसी वजह से यहां जलसंग्रहण करना भी आसान होता है। भूजलस्तर बढ़ने के पीछे विशेषज्ञ ये भी मान रहे हैं कि पानी का दोहन भी कम हुआ है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष 6 से ज्यादा पश्चिमी विक्षोभ के कारण सालभर थोड़े-थोड़े अंतराल में बारिश होती रही। इससे 5.43 मीटर तक जलस्तर बढ़ गया। भूगर्भ जल विभाग की एईएन और हाइड्रोलॉजिस्ट तारिका कुमारी ने बताया कि जिले में पानी संग्रहण के लिए मुख्य रूप से माही बांध, सुरवानिया बांध और हेरो बांध बड़े जल स्त्रोत हैं।
इसके अलावा लगभग ग्रामीण क्षेत्र में जलसंसाधन विभाग और पंचायत राज के 100 से अधिक तालाब, 500 एनिकट, 1000 से अधिक चैकडेम, 50 हजार कुएं हैं। {बारिश के दौरान {बारिश के बाद 9.66 4.26 5.43 10.35 बांसवाड़ा 1047.50 आंबापुरा 883.10 दानपुर 1142.20 घाटोल 987.20 भूंगड़ा 1142.00 जगपुरा 980.40 गढ़ी 917.60 लोहारिया 855.90 अरथूना 862.50 बागीदौरा 951.30 शेरगढ़ 857.40 सल्लोपाट 922.30 कुशलगढ़ 1008.20 सज्जनगढ़ 920.60 बारिश के आंकड़े एमएम में 8. 82 4.93 9.25 4.67 9.39 4.25 2019 2020 2021 2022 2023 (जलस्तर मीटर में)