कागदी नदी सौंदर्यीकरण में लगे 7 कराेड़ डूबे: जहां बाेट चलनी थी वहां जलकुंभी, पानी सड़ांध मार रहा
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शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली कागदी अब प्रदूषण की चपेट में है। नदी का 4 किमी तक का क्षेत्र जलकुंभी से अटा है। गंदगी के कारण नदी की सतह तक नजर नहीं आ रही। नदी में सीवर का पानी मिलने से सड़ांध आने लगी है। नदी के सौंदर्यीकरण के लिए सरकारें भी दावे करती रहीं हैं, लेकिन असल में सालाें बाद भी नदी प्रदूषण से मुक्त नहीं हाे पाई है। माही परियाेजना द्वारा भी साल 2007-08 में इसके सौंदर्यीकरण के लिए 7 कराेड़ खर्च किए थे। 10 गेट के एनीकट का निर्माण, सुरक्षा के लिए जालियां, 5 लाख की जेटी फव्वारा बोट, जवाहर पुल के पास बोट पॉइंट का निर्माण, पाला पुल के पास माही बाल उद्यान मय फव्वारा, पाथवे का नवीनीकरण किया। रखरखाव नहीं हाेने से अब ये अनुपयाेगी हाे चुके हैं। सुरक्षा दीवार भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हाे चुकी है। सीवरेज लाइन डाली गई, जिसका काम भी अधूरा ही है।
अब 81 करोड़ के नए प्रस्ताव से बदहाल नदी काे सुधारने की काेशिश
माही बांध खंड कार्यालय की ओर से पहले स्वीकृत 31 करोड़ और बाद में स्वीकृत 50 करोड़ के बजट के तहत नया प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत कागदी बांध के डाउन स्ट्रीम से लेकर जवाहर पुल के आगे दस गेट वाले एनीकट और एनीकट से आगे लिंक रोड पुल वाले क्षेत्र तक रिटर्निंग सेफ्टी वाल का निर्माण करवाया जाएगा। वहीं नये प्लान के तहत कागदी नदी में मानसून के दौरान बढ़ते जलस्तर पर सतर्कता के लिए नजर रखने अलार्मिंग सिस्टम लगाया जाएगा। जिससे कि मानसून के दौरान अचानक जलस्तर बढ़ने पर आगे भी अलर्ट किया जा सके। माही बाल उद्यान की मौजूदा बदतर स्थिति में सुधार करवाना भी शामिल है। माही के एक्सईएन प्रकाश चंद्र रेगर ने बताया कि प्लान के अनुसार शहर के मध्य में से हो कर गुजरने वाली कागदी नदी के दोनाें किनारों का सुदृढ़ीकरण करवाया जाना है।
द्रव्यवती की तर्ज पर करना था विकास, प्लान अधूरा
तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने कागदी नदी काे द्रव्यवती नदी की तर्ज पर विकसित करने की घाेषणा की थी। लेकिन काम अधूरा ही रहा। जो गार्डन बनाया था, वहां सब्जी मंडी, पार्किंग और कचरा स्टैंड बन चुका है।
किनारे के आवासीय क्षेत्रों को सुरक्षित बनाएंगे: मालवीया
81 करोड़ का बजट स्वीकृत करवाया है। सुरक्षा दीवार व नदी के दोनों किनारों पर स्थित आवासीय क्षेत्र को सुरक्षित करेंगे। सौंदर्यीकरण के लिए 10 करोड़ का बजट दिया है। मोक्षधाम पर एक करोड़ से एनीकट बना रहे हैं। - महेंद्रजीत सिंह मालवीया, कैबिनेट मंत्री, जलसंसाधन विभाग