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शास्त्री कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड की गली में कीचड़ वाहन नहीं निकल पा रहे तो लोग कैसे निकलें?

Banswara
शास्त्री कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड की गली में कीचड़ वाहन नहीं निकल पा रहे तो लोग कैसे निकलें?
@HelloBanswara - Banswara -

कॉमर्शियल कॉलोनी की सड़कों पर गड्ढे हो चुके हैं। इनमें बारिश का पानी जमा होने से वाहन चालकों को गड्ढों की गहराई का अंदाजा नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। नगर परिषद को कई बार शिकायत कर चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। जिला प्रशासन सड़कों की मरम्मत कराए तो लोगों को राहत मिले। -करण सोनी बांसवाड़ा| शहर की सड़कों को लेकर न तो नगर परिषद गंभीर और न ही पीडब्ल्यूडी।

शहरवासी कितने बदतर हालातों से गुजर रहे हैं, ये फोटो देखकर समझा जा सकता है। ये फोटो शास्त्री कॉलोनी का है, जहां 100 फीट रोड के पास पशुपतिनाथ मंदिर के पीछे सड़क कीचड़ से सनी हुई है। शास्त्री कॉलोनी से अरिहंत नगर जाने के लिए एकमात्र रोड है। हर रोज 500 से अधिक परिवार इसी रोड से गिरते-फिसलते आवागमन करते हैं। कॉलोनी के श्याम राणा ने बताया कि नगर परिषद ने रोड निर्माण की स्वीकृति जारी की थी।

बारिश शुरू होने से पहले करीब एक माह पूर्व पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने सड़क निर्माण करने के लिए गली में दो डंपर मिट्टी डालकर छोड़ दिया। बारिश हुई तो मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गई। शिकायत पर नगर परिषद के कर्मचारी जेसीबी लेकर आए और कीचड़ को समेटकर किनारों पर ही छोड़ गए। सड़क में गड्ढे हो गए और इसमें बारिश का पानी भर गया। किनारों की मिट्टी वापस इन गड्डों में आ गई।

पहले तो सिर्फ कीचड़ था, नगर परिषद की कार्यवाही के बाद अब यहां गड्डों में कीचड़ है। स्कूल वाहन, एम्बुलेंस आए दिन फंसती रहती है, जबकि दो पहिया वाहन और पैदल निकलना तो मुश्किल भरा हो रहा है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को शिकायत की तो बोले नगर परिषद जाने और नगर परिषद वाले सुन नहीं रहे, अब जनता क्या करे? कालिका माता रोड पर ताजगीरों की गली में नगर परिषद के कर्मचारियों ने नाली के ऊपर लोहे की जाली लगाई थी। इसे फिट करने के लिए सीमेंट और ईंटों का चौकोर स्ट्रक्चर बनाया गया था। जाली लगाने के बाद बची निर्माण सामग्री को कर्मचारी मौके पर ही छोड़ गए। वाहनों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

-सनी सिंह चौहान बांसवाड़ा।

ठीकरिया भीमेश्वर मंदिर परिसर में बने सामुदायिक भवन की छत का प्लास्टर एक माह पहले गिर गया है, लेकिन अब तक उसे सुधारा नहीं है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ग्राम पंचायत का दर्जा छीना जाना है। शिवभक्तों ने इसको लेकर आक्रोश जताते हुए कहा कि श्रावण मास के सिर्फ चार दिन बचे हैं। यहां दिनभर भक्तों का तांता लगता है। बारिश की सीजन में इस सामुदायिक भवन का प्लास्टर गिरा तो कोई भी शिवभक्त घायल हो सकता है। ठीकरिया गांव जब पंचायत के अंडर में था तो कोई भी समस्या का समाधान पंचायत करती थी। नगर परिषद में शामिल होने के बाद समस्याओं का अंबार लग गया है। नाले के पास बने डंपिंग यार्ड में कचरे का ढेर लगा है। सड़कों और नालियों की साफ सफाई नहीं की जा रही है।

पहले तो यह क्षेत्र ग्राम पंचायत में होने से सरपंच या सचिव से करा लेते थे लेकिन अब परिसीमांकन में नगर परिषद में चले जाने से यहां के अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। -शिवशंकर उपाध्याय 100 फीट रोड शास्त्री नगर स्ट्रीट लाइट का टाइम गड़बड़ है। कभी जलता है, कभी नहीं जलता है। कभी दिन भर जलती रहती है। यहां आस-पास के कॉलोनीवासी रात को टहलने के लिए निकलते हैं। यहां टहलने का एकमात्र स्थान यही है। जिससे चोरी होने का और जीव जंतु का भय रहता है। -राकेश मीणा

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