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सीएए के खिलाफ यूपी के 6 शहरों में आज भी लॉकडाउन होने पर भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं

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सीएए के खिलाफ यूपी के 6 शहरों में आज भी लॉकडाउन होने पर भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं
@HelloBanswara - National -

लखनऊ. देश और दुनिया में कोरोनावायरस का कहर जारी है। पूरे देश में लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लेकिन, सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर यूपी के 6 शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। महामारी से बचाव करने की बजाए लोग धरने पर जमे हुए हैं। यहां सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरने में भले ही महिलाओं की संख्या कम है लेकिन उनके जज्बे में कोई कमी नहीं है। पेश है यूपी के 6 शहरों से रिपोर्ट। 

लखनऊ के घंटाघर में आज भी चल रहा धरना 

लखनऊ के घंटाघर में चल रहा प्रदर्शन
लखनऊ के घंटाघर में चल रहा प्रदर्शन

यहां बैठी महिलाओं ने अपने स्तर पर कोरोनावायरस से बचने के उपाय कर रही हैं। धरने में बुजुर्ग और बच्चों को घर में रहने को ताकीद किया गया है। जबकि जो भी महिला या मीडिया वाले धरने में आ रहे हैं उनके लिए हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर का इंतजाम किया गया हैं। सरकार की तरफ से एक जगह पर 50 लोगों के इकट्ठा होने की पाबंदी को देखते हुए महिलाओं ने 10-10 के ग्रुप में दूर-दूर बैठी हैं। धरने में बैठी ज्यादातर महिलाएं मास्क का उपयोग कर रही हैं। हालांकि आमदिनों की तरह यहां महिलाओं की संख्या कम है। महिलाओं का कहना है कि हमारा धरना भी देशहित में है। हम इससे कोई समझौता नहीं करेंगे। वहीं, घंटाघर के बाहर सड़क एकदम सूनी है। कहीं कोई आवाजाही नहीं है। हसनगंज पुलिस चौकी पर आम नागरिकों को भी बाहर निकलने से रोका जा रहा है। 

अलीगढ़ में कोरोना से ज्यादा धरने की चिंता दिखायी दी

अलीगढ़ में कोरोनवायरस से ज्यादा धरने की चिंता दिखी
अलीगढ़ में कोरोनवायरस से ज्यादा धरने की चिंता दिखी।

अलीगढ़ में यूं तो जनता कर्फ्यू का असर साफ दिखाई दे रहा है लेकिन ईदगाह पर सीएए के खिलाफ चल रहे धरना में कोरोनावायरस का कोई डर नहीं दिख रहा है। महिलाएं जरूरी बचाव के कदम भी नहीं उठा रही है। शनिवार को पुलिस-प्रशासन ने धरना खत्म करने की अपील की थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने नहीं माना। हालांकि तख्त लगाए गए हैं लेकिन जरूरी दूरी का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। 

मुरादाबाद में जरूरी बचाव भी नहीं लिया जा रहा

मुरादाबाद में भी सीएए के खिलाफ धरना जारी
मुरादाबाद में भी सीएए के खिलाफ धरना जारी।

यहां ईदगाह में चल रहे धरने में जरूरी बचाव के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। जहां जनता कर्फ्यू के दौरान पूरा शहर लॉक डाउन है तो वहीं ईदगाह पर आमदिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ है जोकि सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं। यहां धरने में आने से पहले न सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है न ही मास्क लगाया जा रहा है। साथ ही जरूरी दूरी से भी परहेज किया जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि इस वायरस से ज्यादा खतरनाक ये काला कानून है जिसे हटाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को ज्यादा चिंता है तो हम लोगों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए। वहीं, प्रशासन ने कल सबको समझा कर धरना खत्म करने की अपील की थी लेकिन प्रदर्शनकारियों पर उसका कोई असर नहीं पड़ा। एसएसपी मुरादाबाद अमित पाठक ने बताया कि सभी को 21 मार्च को धरना खत्म करने का नोटिस दिया था। लेकिन इन सबने अपने साथ साथ जनता को भी खतरे में डाल दिया है। अब 12 लोग के खिलाफ नामजद और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। 

सहारनपुर में धरना स्थल पर जमी हैं महिलाएं 

सहरानपुर में तख्त पर बैठकर धरना देती महिलाएं
सहारनपुर में तख्त पर बैठकर धरना देती महिलाएं।

सहारनपुर के देवबंद में भी महिलाओं का धरना जारी है। मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी का बैनर तले चल रहे धरने में महिलाओं की संख्या काफी कम है। लेकिन यहां कोरोनावायरस से बचने के उपाय के तौर पर जहां सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है वहीं महिलाओं के बैठने के लिए तख्त का इंतजाम किया गया है। तख्त 1 मीटर से ज्यादा दूरी पर रखा गया है। हर तख्त पर एक महिला मौजूद है। हालांकि जो भीड़ पहले होती थी उस संख्या में बड़ी गिरावट आई है। 

कानपुर : सीएए के विरोध में मोहम्मद अली पार्क में चल रहे धरने से महिलाओं ने दूरी 

कानपुर में महिलाओं ने बनायी धरने से दूरी, फाइल फोटो
कानपुर में महिलाओं ने धरने से दूरी बना ली है।- फाइल फोटो

सीएए , एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाएं धरने पर बैठ रही थीं। कोरोनावारस की दहशत को देखते हुए महिलाओं का धरना समाप्त हो गया है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर कानपुर में सभी जनता कर्फ्यू का हिस्सा बने। पूरा देश कोरोना को हराने में एकजुट नजर आ रहा है। चमनंगज थाना क्षेत्र स्थित मोहम्मद अली पार्क में 2 महीने तक धरना चला। दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में हजारों महिलाएं सीएए के विरोध में धरने पर बैठी थी। पुलिस ने जबरन महिलाओं से पार्क खाली कराने का प्रयास किया तो हजारों महिलाएं सड़क पर तीन दिनों तक धरने पर बैठी रही। महिलाओं ने स्वच्छा से ही लगभग 12 दिन पहले धरने से दूरी बना ली। कुछ लोगों का मानना है कि कोरोनावायरस की वजह से महिलाओं ने धरने से दूरी बनाई है। एसपी वेस्ट अनिल कुमार के मुताबिक, महिलाएं अब मोहम्मद अली पार्क में धरने के लिए नहीं आ रही हैं। महिलाओं ने खुद से ही धरना समाप्त किया है। अब धरना समाप्त हो गया है।

प्रयागराज : रोशनबाग में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कर सकती है कार्रवाई 

प्रयागराज में धरने पर बैठी महिलाएं
प्रयागराज में धरने पर बैठी महिलाएं।

प्रयागराज के रोशनबाग इलाके में मुस्लिम महिलाओं का सीएए के विरोध में धरना लगातार जारी है। मंसूर अली पार्क में चल रहे धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। हजारों लोगों की भीड़ भी मौके पर जुटी है। लोग लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और पुलिस के वापस जाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले रविवार देर शाम प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई वार्ता विफल हो चुकी है, जिसके बाद से ही रोशनबाग में माहौल गर्म है। इस तरह के हालात पार्क में दिखाई दे रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि देर रात पुलिस और प्रशासन बड़ी कार्यवाही को अंजाम दे सकता है।

धरने में शामिल सारा अहमद सिद्दीकी ने बताया कि प्रशासन से धरना स्थगित करने की बात चल रही है। फिलहाल, धरना आज भी चल रहा है। हम कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए सभी मानकों का पालन कर रहे हैं। हाथ धोने के पानी और साबुन की व्यवस्था है। बुजुर्गों और बच्चों को धरने में आने से मना किया गया है। जबकि सभी मास्क में रहते हैं। फिर भी कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए धरने के लिए नई रणनीति पर प्रशासन के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।

By Bhaskar

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