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1 जुलाई 24 को खेत पर पहुंचे तो पता चला कि बिना अवाप्ति के हमारी जमीन पुल में चली गई

Banswara
1 जुलाई 24 को खेत पर पहुंचे तो पता चला कि बिना अवाप्ति के हमारी जमीन पुल में चली गई
@HelloBanswara - Banswara -

सरकारी विभागों द्वारा घोटाले की घटनाओं के बीच अब एक नया मामला सामने आया है। उदयपुर रोड पर चिडिय़ावासा के पास पीडब्ल्यूडी ठेकेदार ने ग्रामीणों से उनकी खातेदारी भूमि की अवाप्ति किए बिना ही पुल निर्माण शुरू कर दिया है। जब ग्रामीणों ने निर्माण कार्य देखा तो विरोध में उतर आए। ठेकेदार ने सरकार के आदेश से पुल निर्माण होना बताकर ग्रामीणों से अभद्रता कर भगा दिया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मामले से अवगत कराया।

कोई कार्रवाई नहीं हुई तो जोधपुर हाईकोर्ट की शरण में पहुंच। हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। इसे न तो पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने माना और न ही उनके ठेकेदार ने। निर्माण कार्य जारी है। परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को एक बार फिर से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर उनको उनकी जमीन का मुआवजा दिलाने और आरोपी अधिकार व ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई है। बता दें, पीडब्ल्यूडी की ओर से बांसवाड़ा से सलूंबर तक उदयपुर रोड का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए पुराने पुलों का एक्सटेंशन कर रहे हैं। इसमें चिडिय़ावासा के पास का पुल भी शामिल है। इस पुल के एक्सटेंशन में बड़गांव के एक ही परिवार के 7 लोगों की 6 बिस्वा खातेदारी जमीन गई है।

^ चिड़ियावासा में ठेकेदार ने भूमि अवाप्ति से पहले ही पुल का एक्सटेंशन शुरू कर दिया था। मामला संज्ञान में आया तो निर्माण कार्य बंद करा दिया है। भूमि अवाप्ति एवं भूमि अर्जन की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब ग्रामीणों को मुआवजा वितरण के बाद ही निर्माण शुरू किया जाएगा। करीब एक माह में ये प्रक्रिया पूरी कर मुआवजा बांटे देंगे। -मथुरालाल मीणा, एसई पीडब्ल्यूडी नियम: पहले भूमि अवाप्ति, मुआवजा वितरण और एनओसी लेने के बाद ही होता है निर्माण शुरू- नियम के अनुसार सरकारी विभागों की ओर से ग्रामीणों की खातेदारी जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू करने पहले, संबंधित ग्रामीणों को नोटिस जारी कर उनको उनकी भूमि की अवाप्ति की सूचना दी जाती है। इसके बाद ग्रामीणों को उनकी खातेदारी जमीन का वर्तमान डीएलसी रेट से मुआवजा वितरण किया जाता है। ग्रामीणों ने एनओसी ली जाती है। राजस्व विभाग ग्रामीणों की खातेदारी भूमि को संबंधित विभाग को हस्तांतरित करता है, इसके बाद ही संबंधित विभाग उस पर निर्माण कार्य शुरू कर सकता है। शहर के जीपीओ सर्कल के पास निवास करने वाले याग्निक परिवार के पूनमदेवी, सुभाषचंद्र, हिमांशु, हरेंद्र, सतीश, अनंत और उपलब्ध याग्निक ने बताया कि उनकी संयुक्त स्वामित्व एवं आधिपत्य की कृषि भूमि खरा नंबर 2/1 रकबा 1 बीघा 15 बिस्वा गांव बड़गांव में हैं। यह भूमि चिडिय़ावासा के निर्माणाधीन पुल के पास नदी किनारे है।

1 जुलाई 2024 को सुभाषचंद्र खेत पर पहुंचा तो देखा कि ठेकेदार द्वारा उनकी खातेदारी भूमि पर पुल खड़े करने के लिए निर्माण सामग्री डाल रखी है। उन्होंने इसका विरोध किया तो ठेकेदार ने राज्य सरकार के आदेश से पुल बना रहे हैं। जबकि न तो उनको इसका नोटिस दिया गया और न ही उनकी खातेदारी भूमि की अवाप्ति की गई। उनको किसी भी प्रकार का मुआवजा भी नहीं दिया गया।

मामले को लेकर न्यायालय में रिट लगाई। न्यायालय ने स्टे लगा दिया। स्टे के बावजूद ठेकेदार ने निर्माण कार्य बंद नहीं किया है। अब खातेदारों ने इनके खिलाफ मामला दर्ज कराने और मुआवजा वितरण के बाद ही निर्माण करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

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