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दुसरे दिन भी धधकती रही अवैध पटाखा फैक्ट्री, आरोपी सोनू परिवार सहित फरार

Banswara
दुसरे दिन भी धधकती रही अवैध पटाखा फैक्ट्री, आरोपी सोनू परिवार सहित फरार
@HelloBanswara - Banswara -

पीपलवा औद्योगिक क्षेत्र में अवैध पटाखा फैक्ट्री के संचालन का आरोपी लालचंद खत्री उर्फ सोनू सिंधी परिवार सहित फरार हो चुका है। पुलिस गोदाम के दो श्रमिकों से पूछताछ कर रही है। गोदाम से पटाखा बनाने का कच्चा सामान बरामद हुआ है। सोनू दिवाली पर प्रशासन से पटाखा बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस भी लेता है। आशंका है कि इसमें वह अपने अवैध गोदाम में बनाए जा रहे पटाखे ही बेचता होगा।

इसी बीच ठीकरिया में भी आरोपी के अवैध तरीके से पटाखा भंडारण की पुलिस को सूचना मिली, लेकिन अभी पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। डिप्टी गोपीचंद मीणा ने बताया कि रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक विक्रमसिंह जाटव की रिपोर्ट पर भारतीय विस्फोट अधिनियम, 1884 की विभिन्न धाराओं में निर्मला पत्नी अशोक अग्रवाल और लालचंद खत्री उर्फ सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

रिपोर्ट में बताया कि 24 नवंबर, 1994 में रीको से भूखंड आवंटन मैमर्स पुष्पा टाइल्स इंडस्ट्रीज के नाम मार्बल पॉलीसिंग टाइल्स का उत्पादन के लिए किया था। 15 जनवरी, 2007 को मैमर्स पुष्पा टाइल्स इंडस्ट्रीज के मैमर्स अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक निर्मला देवी पत्नी अशोक अग्रवाल को हस्तांतरित की गई। इस पूरे प्रकरण में रीको के जिम्मेदार अफसरों पर प्रकरण दर्ज करने को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौन है। अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद दैनिक भास्कर ने खबर प्रकाशित कर कई यूनिटों के किराए पर देने का खुलासा किया। इसके बाद कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने इसे गंभीरता से लेते हुए रीको प्रबंधन को पीपलवा के अलावा ठीकरिया और परतापुर रीको में आवंटित सभी यूनिटों की जांच के आदेश दिए हैं। इससे अब असल में यह सामने आएगा कि कौनसी यूनिट गलत तरीके से किराए पर चल रही है और कौनसी यूनिट में बिना स्वीकृति क्या बनाया जा रहा है। हादसे के अगले दिन शुक्रवार सुबह 10:30 बजे के करीब गोदाम में बारूद के मलबे के बीच फिर स्पार्क हो गया। सूचना पर फायर ब्रिगेड कार्यालय से फायरमैन रमेशचंद्र पाटीदार टीम के साथ पहुंचे और दो गाड़ियों से पानी की बोछार की।

फायरमैन पाटीदार ने बताया कि मलबे में बीच-बीच में स्पार्क हो रहा था। ऐसे में एहतियातन मलबे पानी की बोछार की, ताकि फिर आग लगने की कोई गुंजाइश नहीं रहे। गोदाम में स्पार्क ने पड़ोस के ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग की वर्कशॉप के संचालकों की चिंता बढ़ा दी। क्योंकि, बारूद से भरे गोदाम और इस वर्कशॉप के बीच महज एक दीवार है, जिसकी भी ऊंचाई ज्यादा नहीं है। वर्कशॉप में पुराने ट्रांसफार्मर के अलावा हजारों लीटर ऑयल ड्रमों में भरा पड़ा है। इससे आग लगने पर वर्कशॉप के भी चपेट में आने का खतरा बना हुआ था।

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