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पहली कक्षा तक पढ़ी जेमिली, 1 बीघा खेत में सब्जियों व औषधीय पौधों की 50 से अधिक किस्में तैयार कर बनीं परिवार का सहारा

Banswara
पहली कक्षा तक पढ़ी जेमिली, 1 बीघा खेत में सब्जियों व औषधीय पौधों की 50 से अधिक किस्में तैयार कर बनीं परिवार का सहारा
@HelloBanswara - Banswara -
बांसवाड़ा मन में ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। यही सीख दे रही हैं कुशलगढ़ के बोरखेड़ी की जेमिली बेन। महज पहली कक्षा तक पढ़ी और सिर्फ एक बीघा खेत के जरिए इन्होंने पलायन करने वालों के लिए नजीर पेश की है। जो मेहनत के बूते तीन बेटों की शिक्षा दीक्षा और पूरे परिवार का भरण पोषण का जिम्मा उठाए हैं। तकरीबन 20 बरसों से सब्जी की खेती करने वाली जेमिली ने वर्ष 2018 में नर्सरी का काम शुरू किया।

सतत परिश्रम और प्लानिंग से उसी एक बीघा खेत में जेमिली फूलों, फलों, सब्जियों, औषधीय पौध सहित कई किस्मों की 50 से अधिक प्रकार की पौध जैविक खाद से तैयार करती हैं। पौध किस्मों को 5 से 10 रुपए और 50 से 250 रुपए तक में पेड़ों की कलम बेचकर परिवार का भरणपोषण कर रही हैं। नर्सरी के अलावा जेमिली से जैविक खाद के लिए तीन हौज भी बना रहे हैं। जिसमें वे जैविक खाद तैयार करती हैं। इन तीनों हौज से वर्ष में 6 टन खाद प्राप्त होती है। जिसे वे स्वयं की नर्सरी में उपयोग के साथ ही 500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेचती भी हैं। इन्होंने घर पर गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित कर रखा है।

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