तीन दिन चले पोलियो महाअभियान में 97.12 फीसदी बच्चों को पिलाई दवा

टीमों ने 3 लाख से अधिक घरों में किया डोर-टू-डोर दवा पिलाने का काम
तीन दिन तक चला पल्स पोलियो महाअभियान मंगलवार देरशाम को समाप्त हुआ। चिकित्सा विभाग और अन्य विभागों के समन्वय से इस अभियान में 97.12 फीसदी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। जीरो से पांच वर्ष तक के बच्चों को इस दवा से लाभांवित किया गया। जिले में 2 लाख 93 हजार 265 बच्चों की संख्या पांच वर्ष तक की आयु में हैं। जिनमें से इस अभियान में 2 लाख 84 हजार 825 बच्चों को कवर किया गया। खास बात यह रही है कि विभाग की टीमों ने जिलेभर के 3 लाख 14 हजार 204 घरों में जाकर भ्रमण किया। जहां पोलियो की दवा से वंचित बच्चों को दवा पिलाई। सीएमएचओ डॉ. हीरालाल ताबियार ने बताया कि गत रविवार को अभियान का पहला दिन था। उस दौरान निर्धारित बूथों पर बच्चों को दवा पिलाई गई। पहले दिन 1 लाख 68 हजार 931 बच्चों का दवा पिलाई गई। दूसरे दिन 62 हजार 476 व तीसरे दिन 43 हजार 643 बच्चों को दवा पिलाई गई। इस प्रकार 97.12 फीसदी बच्चों को कवर किया गया। जिला प्रजनन एवं शिशु अधिकारी डॉ. नरेंद्र कोहली ने बताया कि इसके लिए पोलियो की 16 हजार 424 वायल खर्च हुई। उन्होंने बताया कि शेष रहे बच्चे दवा से छुट गए हो यह जरूरी नहीं है। हो सकता है वह अन्य जिले में हो और वहां पर दवा पिलाई गई हो। उन्होंने बताया कि यह भी संभव है कि अन्य जिलों से भी बच्चे यहां आए हो और उन्हें हमारे विभाग की ओर से दवा पिलाई गई हो। डॉ. कोहली ने बताया कि पोलियो की दवा अभियान के दौरान हर उस बच्चे को पिलाई जाती है जिसकी उम्र जीरो से पांच वर्ष होती है। इसलिए अभियान के दौरान बूथ आम भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी लगाए जाते है। इस बार 2738 ऐसे बच्चे हैं जिनको टीमों ने बस स्टैंड वाले बूथों पर दवा पिलाई।