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मास्टरमाइंड एजेंट वीरमाराम गिरफ्त में बाड़मेर-जालौर के एजेंट भी इस गैंग में

Banswara
मास्टरमाइंड एजेंट वीरमाराम गिरफ्त में बाड़मेर-जालौर के एजेंट भी इस गैंग में
@HelloBanswara - Banswara -

सरकारी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षाओं में डमी केंडिडेट बैठाने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मुख्य एजेंट जालौर के पुनासा भीनमाल का वीरमाराम जाट पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। वीरमाराम बीएड किया हुआ है और सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा दे चुका है। हालाकि एग्जाम क्लियर नहीं कर पाया। पैसा कमाने के लिए डमी केंडिडेट बनकर परीक्षाएं दे चुका है।

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस फर्जीवाड़े में सिर्फ वीरमाराम अकेला एजेंट नहीं है बल्कि बाडमेर और जालौर के अन्य एजेंट भी शामिल है। पुलिस टीमें अब इनकी तलाश में लगी हुई हैं। 12 से ज्यादा संदिग्ध गिरफ्तारी के डर से फरार हो चुके हैं। फिलहाल वीरमाराम से पूछताछ में बड़े खुलासों की संभावना है। बताया जा रहर है कि 3-4 अभ्यर्थी पुलिस के पास पहुंचे (सरेंडर) और अपना गुनाह कबूल किया है। इधर, शिक्षा विभाग, सूचना सहायक, वन विभाग, पटवारी, ग्राम सचिव, एलडीसी और जूनियर एकाउंटेंट परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट बैठाने के संकेत मिले हैं। जिसके बाद अब पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब संदिग्ध अभ्यर्थियों के संबधित विभागों से पुलिस ने दस्तावेज मांगे हैं।

इसके बाद पुलिस खुद अपने स्तर पर भी इन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच करेगी ताकि सच सामने आए सके। एजेंट वीरमाराम पुलिस जांच का दायरा बढ़ने से अब टीमों में जवानों की संख्या भी बढ़ा दी है। अब सज्जनगढ़ के अलावा कुशलगढ़, कसारवाड़ी, सल्लोपाट और कलिंजरा थानों से 35 से भी ज्यादा जवान धरपकड़, जांच और सबूत जुटाने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस टीमें सदिग्धों को पकड़ने स्कूलों में भी जा रही हैं। पहुंची सज्जनगढ़ थानाधिकारी नागेंद्रसिंह ने बताया कि पुलिस टीमें जांच में जुटी हुई हैं।

आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एक अभ्यर्थी ने फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हासिल की। बाद में पदोन्नत होकर प्रिंसिपल भी बन गया। इसी तरह एक पटवारी भी पदोन्नत होकर गिरदावर बन चुका है। इससे साफ पता चल रहा है कि फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी हथियाने का रैकेट लंबे समय से चल रहा था। सूत्र बताते हैं कि भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा 2010-11 से चल रहा था। हालाकि पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर आरोपियों को पकड़ने की कोशिश में जुटी है। जांच का नेतृत्व कर रही कुशलगढ़ डीएसपी शिवन्यासिंह ने बताया कि हमारी जांच तीन स्तर पर चल रही है।

हम ये पता लगाने में जुटे हैं कि क्या आरोपियों के पास पहले से पेपर कुछ अंश की जानकारी थी? सभी मामलों में डमी केंडिडेट ही बैठाए? सिर्फ फोटो बदलने का ही तरीका अपनाया गया? क्योंकि अगर डमी केंडिडेट बैठा हो तब भी यह पता लगाना जरूरी है कि आखिर उसने परीक्षा कैसे पास कर ली? क्या परीक्षा पास करने के लिए और भी कोई गलत तरीका अपनाया गया? इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने के असल तरीके का भी पता चल पाएगा।

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