प्रेमी जीजा के साथ मिल पति की हत्या कर शव गाड़ा, पुलिस को गुमराह करने फिल्म की तरह कहानी गढ़ी

आपने अभिनेता अजय देवगन की बहुचर्चित फिल्म दृश्यम देखी होगी, जिसमें वह काल्पनिक स्टोरी बनाकर पुलिस को हत्या के केस में गुमराह करते हैं। कुछ ऐसा ही सज्जनगढ़ पुलिस के साथ पति की हत्या के आरोप में गिरफ्तार परम कनिपा ने भी किया। दो साल पहले अपने जीजा धनपाल के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया। दृश्यम फिल्म की तरह ही शव घर के पीछे गाड़ दिया, ताकि किसी को कुछ पता नहीं चल पाए। बाद में खुद ही थाने जाकर पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो गुमराह करने अलग-अलग कहानी गढ़ती रही। कभी कुछ युवकों के नाम लिए तो कभी बताया कि कोई बाइक पर बैठाकर ले गया था।
हर बार अलग-अलग कहानी बताकर पुलिस को सही जांच से भटकाने की कोशिश की और कामयाब भी हुई। वारदात को 2 साल गुजर गए लेकिन अरविंद का कोई पता नहीं चल पाया। पुलिस ने रिश्तेदारों से लेकर तमाम उन जगहों की तलाश की, जहां अरविंद के मिलने की संभावना थी लेकिन अरविंद मिलता कहां से? उसे तो हमेशा के लिए मौत की नींद में सुला दिया था।
खास बात यह है कि दृश्यम फिल्म में अजय के साथ उसके परिवार के सदस्यों ने भी हत्या के बारे में पता होने के बाद भी अनजान बनने की जिस तरह एक्टिंग की, ठीक उसी तरह परम भी पूरे मामले से अनजान बनी रही। परम ने इस तरह से खुद को पेश किया कि वह पीड़ित है और पति को तलाश रही है। खुद उसके परिवार के लोग भी यह भांप नहीं पाए। उसके हाव-भाव से पुलिस भी उस पर संदेह नहीं कर पाई लेकिन परम और धनपाल की बुनी इस काल्पनिक कहानी से परे कुछ और ही स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी। झालोद के सुनील पुत्र सवली कनिपा की हत्या ने अरविंद के हत्याकांड को भी सामने ला दिया।
पुलिस ने जब सुनील हत्याकांड मामले में हैजामोगजी निवासी परम कनिता और आशिक जीजा भरडजाल के धनपाल कनिपा को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो परम टूट गई। उसने पति अरविंद की हत्या का राज खोला तो पुलिस भी हैरान रह गई। असल में परम और धनपाल के बीच अवैध प्रेम संबंध थे। इसी के चलते दोनों ने अरविंद को रास्ते से हटाने उसकी हत्या कर दी।