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सदर सीआई के क्वार्टर में महिला हाेमगार्ड से छेड़छाड़ चार दिन मामला दबाए रखा, अब दो कांस्टेबल सस्पेंड

Banswara
सदर सीआई के क्वार्टर में महिला हाेमगार्ड से छेड़छाड़ चार दिन मामला दबाए रखा, अब दो कांस्टेबल सस्पेंड
@HelloBanswara - Banswara -

थाने में ही दुराचार
काेविड-19 के तहत सदर थाने में हाेमगार्ड की ड्यूटी लगाई थी, डिप्टी काे साैंपी जांच

सदर थाने में काेविड-19 के तहत ड्यूटी दे रही एक महिला हाेमगार्ड से थाने के ही दाे कांस्टेबल द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने अाया है। पूरा मामला इसलिए हैरान करने वाला है क्याेंकि, महिला से छेड़छाड़ कहीं अाेर नहीं बल्कि खुद सदर थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया के क्वार्टर पर हुई है। दाे जून काे सीअाई काे माैखिक शिकायत की गई लेकिन महिला का अाराेप है कि उन्हाेंने मामले काे दबा दिया। सवाल इसलिए भी उठ रहे क्याेंकि, घटना के 5 दिन बाद भी शनिवार तक काेई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। हालांकि महिला हाेमगार्ड के एसपी केसरसिंह शेखावत के समक्ष पेश हाेने के बाद दाेनाें कांस्टेबल सत्यजीतसिंह अाैर केसरसिंह काे निलंबित कर दिया। साथ ही डिप्टी अनिल मीणा काे प्रकरण की विभागीय जांच के अादेश दिए है।

अाहत महिला ने परिवाद में बताया कि उसकी ड्यूटी काेविड-19 की वजह से सदर थानाधिकारी के माेबाइल यूनिट में लगाई गई। एक जून काे सदर सीअाई ने अादेश दिया कि थाने में एसपी अाैर डिप्टी निरीक्षण के लिए अा रहे है, इसलिए सफाई करवा दी जाए। वह इस काम में लगी थी। तभी, हैड कांस्टेबल महीपालसिंह अाया अाैर कहा कि एसपी अाैर डिप्टी अा चुके है इसलिए सीअाई के क्वार्टर में जाकर चाय-नाश्ता तैयार करे। जिस पर महिला हाेमगार्ड सीअाई के क्वार्टर में चली गई। जहां कांस्टेबल सत्यजीत सिंह अाया अाैर महिला हाेमगार्ड से छेड़छाड़ कर धक्का देकर नीचे गिरा दिया। इस पर महिला किसी तरह खुद काे बचाते हुए थाने में चली गई। बदनामी के डर से उसने यह बात किसी काे नहीं बताई। लेकिन, शाम 5 बजे दाेबारा हैड कांस्टेबल महीपाल ने उसे अाकर कहा कि एसपी अौर डिप्टी थाने में ही है इसलिए उनके लिए दाेबारा चाय-नाश्ता बनाए। जिस पर महिला दाेबारा क्वार्टर में गई। जहां इस बार दूसरे कांस्टेबल केसरसिंह ने महिला से छेड़खानी की। घबराई महिला वहां से निकलकर घर लाैट अाई। अगले दिन दाे जून काे सीअाई काे माेबाइल काॅल के जरिये घटना के बारेे में बताया। जिस पर सीअाई ने पीड़िता काे थाने बुलाया। परिवाद में बताया कि 2 जून काे सीअाई ने उनके चैंबर में उसे अाैर तीनाें कांस्टेबल काे बुलाया। जहां सीअाई ने कांस्टेबलांे काे माफी मांगने के लिए कहा लेकिन तीनाें ने इनकार कर दिया। इस पर सीअाई ने खुद माफी मांगते हुए महिला पर दबाव डाला कि वह इसकी शिकायत अागे नहीं करे नहीं ताे थाने की बदनामी हाे जाएगी। 4 अाैर 5 जून काे महिला ने किसी तरह खुद काे संभालते हुए थाने में ड्यूटी दी। 5 जून की शाम काे डिप्टी अनिल मीणा थाने में अाए अाैर महिला से मामले में जानकारी ली। महिला शुक्रवार काे एसपी के समक्ष पेश हुई थी। जिसके बाद दोनों कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया। बताया जा रहा है कि एक कांस्टेबल बांसवाड़ा से ही सेवानिवृत्त हुए थानेदार का बेटा है।

डिप्टी को जांच सौंपी है, अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं: एसपी

महिला अाज मेरे सामने पेश हुई थी। मैंने उसे एक जून की घटना पर इतनी देरी से पेश हाेने की वजह पूछी ताे उसने बताया कि वह मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहती थी, लेकिन पति ने समझाइश की ताे कार्रवाई के लिए तैयार हुई है। मैंने उसे तत्काल सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए कहा। लेकिन महिला नहीं गई। इसकी मुझे जानकारी मिली ताे सीअाई बाबूलाल काे महिला के घर भेजा। लेकिन वह नहीं मिली। महिला के पेश हाेने से पहले सदर सीअाई की रिपाेर्ट पर मामला मेरे संज्ञान में आ चुका था। सीअाई ने अपनी रिपाेर्ट में विभागीय जांच की अनुशंसा की थी। रिपाेर्ट में दाे कांस्टेबल पर अाराेप लगाए गए थे। जिस पर तत्काल कार्रवाई की गई। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केसरसिंह शेखावत, एसपी

मैंने उच्चाधिकारियाें काे बताया: सीआई
महिला की शिकायत पर मैंने महिला अाैर तीनाें कांस्टेबल काे मेरे चैंबर में बुलाया था। महिला के सामने माफी मांगने के लिए कहा था। महिला से मामले में केस दर्ज कराने लिखित शिकायत देने के लिए कहा, लेकिन उसने बदनामी हाेने के डर से लिखित शिकायत नहीं दी। इसके बावजूद मैंने मामले की गंभीरता काे समझते हुए उच्चाधिकारियाें काे मामले की जानकारी। डिप्टी खुद थाने अाए अाैर महिला से मामले की जानकारी ली। मेरी अाेर से मामले काे कहीं पर भी हल्के में नहीं लिया है। मैंने महिला काे अागे शिकायत नहीं करने के लिए दबाव नहीं डाला। महिला ने जिस तरह से घटना थाना परिसर में हाेना बताया इस लिहाज में मुझे भी खेद है। बाबूलाल मुरारिया, सदर थानाधिकारी

जांच शुरू हाे चुकी है: डिप्टी
महिला हाेमगार्ड ने दाे कांस्टेबल पर छेड़छाड़ करने का अाराेप लगाया है। एसपी काे लिखित परिवाद दिया, जिसके बाद दाेनाें कांस्टेबलाें काे सस्पेंड किया है। मामले की विभागीय जांच मुझे साैंपी है। महिला से मैंने खुद भी सदर थाने जाकर जानकारी ली थी। उसे लिखित शिकायत देने के लिए समझाइश की थी, लेकिन एेसा नहीं किया। जहां तक तीसरे कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई का मामला है ताे सीधे ताैर पर उसके खिलाफ छेड़छाड़ का अाराेप नहीं है। उसकी संलिप्ता पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
अनिल मीणा, उपाधिकक्षक पुलिस

रोजनामचे में रपट नहीं लिखने से पुलिस संदेह के घेरे में
महिला होम गार्ड से थाना परिसर में छेड़छाड़ के मामले में पुलिस का तर्क है कि वह लिखित शिकायत नहीं दे रही जबकि संज्ञेय अपराध की मौखिक जानकारी पर भी इसे रोजनामचे में उल्लेखित किया जा सकता था। यह महिला के शिकायत नहीं करने पर एक तरह से एफआईआर की तरह होती है। बाद में लिखित शिकायत नहीं मिलने पर एफआर भी लग सकती थी। इस मामले जब महिला ने कॉल के जरिए और थाने में आकर शिकायत कर दी थी। ऐसे में यह जांच का विषय है कि रोजनामचे में क्यों नहीं लिखा गया। वहीं 3 मई को महिला की एसएचओ से बात हो गई तो तो डिप्टी दो दिन बाद 5 जून को महिला के बयान लेने क्यों गए। सवाल यह है कि दो दिन तक सीआई ने अधिकारियों को नहीं बताया या जानकारी के बावजूद अधिकारियों ने इसे हल्के में लिया। महिला के परिवाद में यह लिखना कि सदर सीअाई ने उनसे माफी मांगी अाैर थाने की बदनामी हाेने का हवाला देकर कहीं अागे शिकायत नहीं करने का दबाव बनाया। यह भी जांच का विषय है कि अाखिर एक महिला की लज्जा भंग करने जैसे गंभीर मामले में पुलिस अधिकारी कार्रवाई के बजाय महिला पर शिकायत नहीं करने का दबाव कैसे डाल सकते है।

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