20 लाख की मशीन, पांच साल से तिरपाल में कैद, क्योंकि यहां कृषि मंडी नहीं

बांसवाड़ा| केंद्र सरकार की आेर से ई-नाम योजना में दी ग्रेन क्लीनिंग-ग्रेडिंग मशीन करीब 5 साल से कृषि उपज मंडी परिसर में तिरपाल में कैद है। वर्ष 2019-20 में मशीन मंडी को उपलब्ध करवाई थी। इसकी कीमत करीब 20 लाख रुपए हैं। हैरानी की बात है कि मशीन आने के बाद से आज तक उपयोग में नहीं ली गई। मशीन का उद्देश्य किसानों को गेहूं, सरसों व दलहन फसलों की सफाई की सुविधा देना था।
मंडी प्रशासन की लापरवाही के कारण ये ग्रेडिंग क्लीनिंग मशीन अब शो-पीस बन गई है। किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मशीन को मंडी कार्यालय के बाहर तिरपाल से पैक करके रखा हुआ है। जानकारों का कहना है कि सरकार ने मशीन बैच दी लेकिन यहां समर्थन मुल्य पर न के बराबर अनाज की खरीद होती है। कृषि मंडी भी प्रोपर तरीके से नहीं है। केवल मंडी ऑफिस है। यहां व्यापारी नहीं बैठते हैं। इसलिए ग्रेडिंग मशीन का उपयोग नहीं है।
