14 जून तक वागड़ से प्रदेश में प्रवेश करेगा मानसून 10 साल में 2 बार आया,दोनों बार अच्छी बारिश हुई


- 6 बार झालावाड़-कोटा,1-1 बार भरतपुर-आगरा व उदयपुर के रास्ते आया
बांसवाड़ा मौसम विभाग ने मानसून को लेकर खुशखबर दी है। मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया है। 16 साल में पहली बार मानसून अपने तय समय 1 जून के स्थान पर 8 दिन पहले पहुंचा है। इससे पहले वर्ष 2009 में मानसून 9 दिन पहले पहुंचा आया था। पिछले वर्ष 30 मई को दस्तक थी। केरल से राजस्थान तक आने में मानसून को औसतन 24 दिन लगते हैं। 14 जून को मानसून का प्रवेश बांसवाड़ा -डूंगरपुर के रास्ते राजस्थान में होने की पूरी संभावना है।
पिछले 10 साल में 2 बार बांसवाड़ा डूंगरपुर, 6 बार झालावाड़ -कोटा, एक बार भरतपुर-आगरा और एक बार उदयपुर राजसमंद के रास्ते मानसून ने राजस्थान में प्रवेश किया है। मानसून ने जब-जब बांसवाड़ा -डूंगरपुर या फिर झालावाड़- कोटा के रास्ते राजस्थान में प्रवेश किया है, तब-तब प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विज्ञान विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने केरल में शुरू हुई मानसून की जोरदार बारिश और इस ओर से राजस्थान की तरफ नमी लेकर आ रही मानसूनी हवा को देखते हुए सामान्य से ज्यादा बारिश होने की कहा है।
राजस्थान में प्री-मानसूनी बारिश 10 जून तक शुरू हो सकती है, क्योंकि मानसून के आगे-आगे चल रही नम हवा के प्रभाव से 5-6 दिन पहले प्री-मानसूनी बारिश शुरू हो जाती है। इसी दौरान मानसूनी हवा के प्रभाव से अरब सागर में एक परिसंचरण और सक्रिय होता है। इसके प्रभाव से अरब सागर किनारे बसे गुजरात और महाराष्ट्र के हिस्सों में मानसूनी बारिश के साथ-साथ अरब सागर के परिसंचरण से भी बारिश होती है। मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो 10 जून को प्री-मानसूनी बारिश शुरू होने के 7-8 दिन पहले अरब सागर की नम हवा और यहां पड़ रही गर्मी के प्रभाव से तेज हवा संग हल्की बारिश शुरू हो जाएगी।
