12 फीट क्षमता वाले बांध में 3 फीट की चादर चली, माही बांध में 1.20 मीटर पानी की आवक, 36 घंटे से बांसवाड़ा में मेहरबान है मानसून

बांसवाड़ा में लगातार 36 घंटे से मेहरबान मानसून के बीच सोमवार सुबह सुरवानिया बांध के गेट खोल दिए गए। बांध की भराव क्षमता करीब 12 फीट है, जिस पर अभी 3 फीट पानी की चादर चल रही है। इस मानसून सत्र में बांसवाड़ा का यह पहला बांध है, जिसके कुल 9 में 2 गेट को लगातार बारिश के बीच खोलना पड़ा हैं। बेक वाटर में स्थित पहाड़ी इलाकों से पानी की आवक निरंतर बनी हुई है। यह बांध यहां सिंचाई विभाग के अधीन है। दूसरी ओर एशिया के सबसे बड़े अर्दन डेम की पहचान रखने वाले माही-बांध में करीब 1.20 मीटर पानी की आवक बीते 36 घंटे के दौरान हुई है। कुल 281.5 मीटर क्षमता वाले बांध में वर्तमान में पानी का स्तर पर 270.65 मीटर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश में बाजना के रास्ते से पानी की आवक निरंतर बनी हुई है। गौरतलब है कि बांसवाड़ा में मानसून एक माह से अधिक देरी के बाद स्थाई तौर पर आया है। बीते तीन दिन से महसूस होने लगा है कि बांसवाड़ा में बरसात शुरू हुई है। इससे पहले सूखे की चिंता को लेकर लोगों और किसानों की नींद उड़ी हुई थी।

खबर ही नहीं गेट खोल दिए
खास बात यह है कि पानी की आवक को देखते हुए सुबह 8.30 बजे सुरवानिया बांध के गेट खोल दिए गए हैं। इसकी सूचना 10.30 बजे तक माही बजाज सागर परियोजना की ओर से स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष को नहीं थी। दैनिक भास्कर की ओर से कक्ष में मौजूद जेईएन अनिल बुनकर से इसकी जानकारी मांगी गई तो पहले उन्होंने बांध में पानी आने की बात से इनकार किया। लेकिन, कुछ देर बाद ही गेट खोलने की जानकारी दी।

एकदम से बढ़ा पानी का स्तर
सुरवानिया बांध के पानी का उपयोग सिंचाई के अलावा शहर की पैराफेरी में बसे हुए गांवों में पेयजल की सप्लाई में होता है। एक दिन पहले यानी रविवार शाम को इस बांध का जल स्तर 3.63 मीटर पर था। यानी 24 घंटे की बरसात के दौरान यहां पानी की आवक नहीं के बराबर थी, जबकि रात भर में ऐसे हालात बन गए कि सुबह के साथ ही बांध के गेट खोलने पड़ गए।
