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भं​डारिया में पहाड़ काटकर जमा कर दिया 27,500 टन कचरा, अब साफ करने में खर्च होंगे 1.29 करोड़

Banswara
भं​डारिया में पहाड़ काटकर जमा कर दिया 27,500 टन कचरा, अब साफ करने में खर्च होंगे 1.29 करोड़
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केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 के लिए मूल्यांकन शुरू कर दिया है, लेकिन बांसवाड़ा शहर की रैंकिंग इस बार भी गिरना तय है। वजह-भंडारिया डंपिंग यार्ड का ठोस कचरा। जिसका निस्तारण अब तक शुरू नहीं हुआ। नगर परिषद ने 7 माह पहले 1.92 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर जयपुर भेजा, जो अब तक स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) में अटका है। करीब 30 बीघा में फैले इस डंपिंग यार्ड में 48,538 घन मीटर (लगभग 26,696 टन) कचरा जमा है। परिषद ने ग्रिड पद्धति से सर्वे कराया था और निस्तारण का प्रपोजल भेजा, लेकिन बजट स्वीकृति अब तक नहीं मिली। ^भंडारिया डंपिंग यार्ड के कचरे के निस्तारण के लिए टेंडर करना है। 1.92 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर डीएलबी को भेजा है। प्रदेश स्तर से मंजूरी मिलते ही टेंडर कर देंगे। हमारी तैयारी पूरी है। -दुर्गेश रावल, आयुक्त, नगर परिषद डंपिंग यार्ड एक पहाड़ी पर बना है। नीचे बसे इलाकों, कालिका माता, अहमदपुरा, आंबावाड़ी, इंदिरा कॉलोनी, सरगड़वाड़ा, खांटवाड़ा और भंडारिया में करीब 30 हजार लोग निवास करते हैं। बरसात के मौसम में पहाड़ी से प्लास्टिक कचरा, सड़ा गला मलबा और नालियों का सीवरेज बारिश के पानी के साथ इनके घरों तक पहुंच रहा है। बदबू और धुएं से लोगों का जीना दूभर हो गया है। नगर परिषद ने अप्रैल–मई 2024 में एक निजी फर्म से भंडारिया डंपिंग यार्ड का ग्रिड सर्वे कराया था। सर्वे में 48,538 घन मीटर कचरा दर्ज हुआ था। अब यह आंकड़ा 50 हजार घन मीटर (करीब 27500 टन) से पार हो चुका है। परिषद का आकलन है कि अगर आज ही डीएलबी से मंजूरी मिलती है, तो टेंडर प्रक्रिया में 3 माह और निस्तारण में 7 माह लगेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2021-22 में यहां 97 हजार घन मीटर कचरा था, जिसे इंदौर की एक फर्म ने वर्ष 2022-23 तक निस्तारित कर दिया था।

आश्चर्यजनक है कि सिर्फ दो साल में दोबारा कचरे के पहाड़ खड़े हो गए और नगर परिषद की ठेकेदार पर इतनी मेहरबानी थी कि उसे यहां पर कचरा डालने से नहीं रोका। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने नवंबर 2023 में आदेश जारी किया था कि मार्च 2026 तक डंपिंग यार्ड पूरी तरह खत्म होने चाहिए, वरना सर्वेक्षण से बाहर कर दिया जाएगा। बांसवाड़ा को वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 के सर्वेक्षण में भी इसी कारण 9500 में से करीब 3 हजार अंक गंवाने पड़े थे। नतीजा-राज्य के 32 जिलों में शहर 11वें स्थान पर आ गया। अब वर्ष 2025-26 में फिर से रैंक गिरने की पूरी संभावना है, क्योंकि कुल 12,500 अंकों में से 5,000 अंक कचरा निस्तारण से जुड़े हैं।

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