1350 से ज्यादा दाम पर डीएपी नहीं बेच सकेंगे डीलर, टैगिंग देने पर भी सख्त मनाही

प्रदेश में यूरिया और डीएपी उर्वरकों पर की जाने वाली टैगिंग या कालाबाजारी पर सख्त रोक लगाई है। सरकार के इस सख्त कदम से किसानों को अब खाद और यूरिया के साथ अन्य कोई उत्पाद खरीदने के लिए डीलर दबाव नहीं बना सकेंगे, न ही कालाबाजारी कर सकेंगे। ऐसे करने वाले डीलर्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कृषि आयुक्त ने प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशकों को उनके जिलों में यूरिया और डीएपी उर्वरकों का वितरण विभाग के निर्देशन में कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की टैगिंग की अनुमति नहीं है और खाद की कालाबाजारी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। विभाग की ओर से प्रारूप तैयार कर डीलर्स के स्टॉक पर नजर रखी जाएगी।
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि ऐसी संभावना है कि डीलर्स छोटे किसान के नाम पर अधिक खाद यूरिया की बिक्री बता दें। जांच से पता चलेगा कि किस किसान को कितनी खाद दी गई है। इससे वितरण और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। इसके लिए विभाग की ओर से टीम नियमित अंतराल में जांच करेगी।
{ नैनो यूरिया
{ नैनो डीएपी
{ बायो स्टीमूलेंट
{ सल्फर
{ हरबीसाइड
{ पेस्टी साइड
{सूक्ष्म तत्व मिश्रण एवं बायो फर्टिलाइजर इत्यादि किसान संघ किसानों के लिए बड़ी समस्या रही है। टैगिंग के खिलाफ प्रयास सही है, लेकिन इसके समन्वय बनाकर नीति बनानी चाहिए, ताकि किसी को भी दिक्कत न हो। यदि कंपनियां जबरदस्ती व्यापारियों को टैगिंग प्रोडक्ट देंगी तो व्यापारी भी कैसे व्यापार करेगा। इसके लिए जरूरी है कि बुनियादी स्तर पर काम हो, तभी किसानों को सही मायनों में राहत मिल सकेगी।
- रणछोड़ पाटीदार, प्रांतीय उपाध्यक्ष
भारतीय किसान संघ टैगिंग पर अंकुश अच्छा कदम है, लेकिन बुनियादी स्तर से समाधान होना आवश्यक है। कंपनियां सभी डीलर्स को बिना टैगिंग कोई उत्पाद नहीं देती है।
मना करने पर डीलरशिप का खतरा मंडराने लगता है। टैगिंग में दिए उत्पाद भी डिमांड में नहीं होते है। इन्हें लेना डीलर्स की मजबूरी होती है। इसलिए हमें भी किसानों को देना पड़ता है।
-मंगलेश गांधी, जिलाध्यक्ष, बांसवाड़ा
एग्रो इनपुट डीलर्स एसेसिएशन डीलर्स को राहत देने के लिए सरकार ने कंपनियों पर भी रोक लगाई है। कोई कंपनी डीलर्स को जबरदस्ती टैगिंग नहीं कर सकती। इसके लिए विभाग की ओर से डीलर्स से बिल देने की भी बात कही जा रही है। यदि कोई डीलर फिर भी किसानों को टैगिंग या कालाबाजारी करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है।
- डॉ . दलीप सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि (वि.), बांसवाड़ा
1. यूरिया और डीएपी उर्वरकों को विभाग के निर्देशन में वितरण की हिदायत ।
2. किसी भी प्रकार की टैगिंग की मनाही है, उल्लंघन पर कार्रवाई तय।
3. खाद की कालाबाजारी करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
डीएपी : 1350 रुपए प्रति बैग (50 किलो) यूरिया : 266.50 प्रति बैग (45 किलो)