देश में कमी, कालाबाजारी की घटनाओं के बाद पुलिस पहरेे में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमेडिसविर इंजेक्शन

इंजेक्शन इस्तेमाल से पहले डाॅक्टर काे भरना होगा फार्म
8-8 घंटे की पारी में तीन-तीन पुलिसकर्मी करेंगे निगरानी
बांसवाड़ा. एेसी सुरक्षा अाैर तस्वीरें अमूमन चुनाव के बाद ईवीएम के स्ट्राॅन्ग रूम की देखी जाती है, लेकिन यह कड़ी सुरक्षा एमजी अस्पताल में रेमेडिसविर इंजेक्शन अाैर अाॅक्सीजन सिलेंडराें के लिए बनाए स्ट्राॅन्ग रूम की है। काेराेना संक्रमित गंभीर राेगियाें के लिए रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ चुकी है। हाल ही में इसकी चाेरी अाैर कालाबाजारी का गिराेह उदयपुर में पकड़ा गया। वहीं अस्पतालाें में अाॅक्सीजन की किल्लत है। एेसे में एमजी अस्पताल में रेमेडिसविर इंजेक्शन अाैर अाॅक्सीजन गैस सिलेंडराें की चाेरी अाैर किसी तरह अनुचित इस्तेमाल काे राेकने के लिए प्रशासन की अाेर से निगरानी की जा रही है। जिले काे अब तक 2780 रेमेडिसविर मिल चुके हैं। इनमें 100 बुधवार काे मिले हैं। एसडीएम पर्वतसिंह चुंडावत ने बताया कि स्ट्राॅन्ग रूम में 8-8 घंटे की पारी में 3-3 पटवारी रिकाॅर्ड संधारित करते हैं। इसके अलावा 2 नायब तहसीलदार अाैर एक अारअाई रिपोर्टिंग कर रहे हैं। स्टाेर रूम की सुरक्षा के लिए 3 पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। जो डॉक्टरों की पर्ची देखकर ही ऑक्सीजन सिलेंडर देंगे।
हर एक इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है। अब वार्ड में जिस गंभीर मरीज काे इंजेक्शन लगाने की जरूरत हाेती है। इसके लिए डाॅक्टर काे भी फार्म भरना हाेगा। जिसमें उस गंभीर मरीज की माैजूदा अाॅक्सीजन सेचुरेशन, उम्र, भर्ती हाेना का ब्याैरा सरीखी पूरी मेडिकल डिटेल हाेगी। इसे खुद एसडीएम, ड्रग्स इंस्पेक्टर अाैर अल्पसंख्य कल्याण अधिकारी की कमेटी माॅनिटरिंग कर रही है।