नाबालिग लड़की से दो माह तक रेप:बंधक बनाकर बड़ोदरा ले गए, मजदूरी भी कराई, हेड कांस्टेबल पर धमकाने का आरोप

नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ करीब दो महीने तक रेप करने का मामला सामने आया है। खुद पीड़िता ने उसकी मां के साथ मामले में बांसवाड़ा SP को शिकायत की है। पीड़िता ने मामले के जांच अधिकारी और कुशलगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार पर धमकाने का आरोप लगाया है। पुलिस पर लगे आरोपों के बाद मामला गंभीर हो गया है। जिला पुलिस की ओर से मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। बड़लीपाड़ा इलाके की नाबालिग ने SP के नाम दी शिकायत में बताया कि 21 मई की दोपहर को वह उसके गांव की एक दुकान पर सामान खरीदने गई थी। तभी खेड़ली भरतगढ़ निवासी लक्ष्मण डामोर और प्रताप डामोर वहां बाइक लेकर आए। सुनसान इलाके में उन्होंने उसे उठाकर बाइक पर बिठा लिया। चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी। बदमाश उसे कसारवाड़ी थाना क्षेत्र स्थित उदा गांव के दूदा के घर ले गए। वहां बंधक बनाकर रखा, जहां लक्ष्मण ने उसके साथ रेप किया। यहां बदमाश ने करीब एक महीने तक उसे नजरबंद रखा।
एक माह बाद भावजी नाम का युवक वहां आया और इसके बाद लक्ष्मण और भावजी उसे रातोंरात बड़ोदरा ले गए। वहां पर बदमाशों ने उससे मजदूरी कराई। करीब एक महीने तक वहां भी उसके साथ रेप किया। बड़ोदरा से लौटे तो कसारवाड़ी के सूखा के घर पर दो दिन बंदी बनाकर रखा।
बीती 23 जुलाई को लक्ष्मण, हीरजी, विजय, रमेश और प्रताप उसे बोलरो गाड़ी से लेकर आए, जहां थाने में HC राजेंद्र कुमार पहले से मौजूद था। आरोप है कि नाबालिग को हेड कांस्टेबल ने भी धमकाया। साथ ही मेडिकल नहीं कराने की बात कही। बाद में आरोपी राजेंद्र उसे लेकर बांसवाड़ा आया और मेडिकल कराया। बाद में नाबालिग को आवारा बताते हुए हेड कांस्टेबल ने उसकी मां पर लड़की को ले जाने का दबाव बनाया। पीड़िता ने बताया कि 5 जुलाई को उसकी मां ने कुशलगढ़ थाने में मामले की रिपोर्ट दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता ने पुलिसकर्मी सहित 8 जनों के खिलाफ शिकायत की है।
आरोपी हेड कांस्टेबल का ऐसा जवाब
इधर, मामले में आरोपी बनाए गए HC राजेंद्र कुमार का आरोप है कि रिपोर्ट के बाद उसने पीड़िता और आरोपी को बरामद किया था। पीड़िता का मेडिकल कराया और बाल कल्याण समिति को सौंपा था। वहां से नाबालिग को उसकी मां को सौंपा गया। हेड कांस्टेबल ने कहा कि उसने तो पीड़िता की मां को बहन के अलावा कोई दूसरा शब्द नहीं बोला। उल्टा हर संभव मदद करने की कोशिश की। बावजूद इसके उसका नाम आरोपियों में लिखवा दिया है।
