बांसवाड़ा में 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स से एग्जाम-फीस लेने विरोध:राज्य कर्मचारी महासंघ ने कहा- छात्रों से वसूली राशि को लौटाया जाए, यह गलत

राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ भामस के जिला संगठन मंत्री गमीरचंद पाटीदार ने कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों से समान परीक्षा शुल्क वसूलने के आदेश का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा बांसवाड़ा और अध्यक्ष जिला समान परीक्षा बांसवाड़ा की ओर से जारी किया है। यह आदेश गलत है।
10 रुपए बढ़ाने का विरोध
पाटीदार ने बताया कि राज्य स्तरीय समान परीक्षा व्यवस्था के तहत केवल 9वीं और 11वीं के छात्रों की वार्षिक परीक्षा होती है। पहले इनसे 20 रुपए शुल्क लिया जाता था। अब इसे बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया है। इसमें 10 रुपए अतिरिक्त जोड़े गए हैं। यह शुल्क इन कक्षाओं के लिए उचित है, लेकिन अब कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों से भी 10 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से वार्षिक परीक्षा शुल्क वसूला जा रहा है।
साढ़े 5 लाख रुपए के करीब वसूली
पाटीदार ने बताया कि जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे 10 रुपए प्रति छात्र की दर से बकाया राशि जमा करवाएं। यह आदेश अनुचित है। महासंघ ने इस पर आपत्ति जताई है। शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर मांग की गई है कि यह आदेश तुरंत रोका जाए। जो राशि वसूली गई है, उसे लौटाया जाए। जिले में कक्षा 10वीं के करीब 30,099 और 12वीं के 23,939 छात्र हैं। इनसे 10 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से कुल लगभग 5,40,380 रुपए वसूले जा रहे हैं।
10वीं-12वीं को भी जोड़ा
पाटीदार ने बताया कि जबकि इन छात्रों को कोई प्रश्न पत्र नहीं दिया गया। ऐसे में उनसे प्रश्न पत्र शुल्क लेना गलत है। पिछले वर्षों में समान परीक्षा के तहत केवल कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों से ही अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के लिए 10-10 रुपए शुल्क लिया जाता था। अब इन दोनों परीक्षाओं के लिए 30 रुपए प्रति छात्र वसूले जा रहे हैं। इस बार 10वीं और 12वीं के छात्रों को भी शामिल कर लिया है, जबकि ये छात्र बोर्ड परीक्षा देते हैं और उनकी फीस अलग से जमा होती है।
