90 दिन में कमेटियां बनाना जरूरी, विकास के कई काम रुके नगर परिषद के कांग्रेस बोर्ड में 3 साल बीतने के बाबजूद समितियों का गठन नहीं
बांसवाड़ा नगर परिषद के कांग्रेस बोर्ड में 3 साल बीतने के बाबजूद समितियों का गठन नहीं हो पाया है। इससे शहर के कई विकास ठप हो चुके है। जबकि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत बोर्ड गठन के 90 दिन में समितियों का गठन होना अनिवार्य है। इससे शहर के कई तरह के विकास कार्यों की मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है। विपक्ष की ओर से भी कई बार पत्र लिखकर समितियों के गठन को लेकर मांग की जा चुकी है। समितियों का गठन होने के बाद नगर परिषद क्षेत्र में होने वाले संबंधित कार्य समिति से स्वीकृति लेने के बाद होता है। राजस्थान नगर पालिका अधिनियम- 2009 के अनुसार बोर्ड गठन के 90 दिन में स्थानीय निकायों में समितियों का गठन करने का प्रावधान है। सबसे खास भवन निर्माण समिति को माना जाता है। प्रति माह 30-40 फाइलें भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए पहुंचती है। हर माह 20 से 25 फाइलों पर औसत स्ल्रीकृतियां सभापति और आयुक्त के हस्ताक्षर से ही जारी की जाती है।
यह 10 मुख्य कमेटियां जठित करने का प्रावधान
पार्षदों की विभिन्न कार्यों को लेकर विभिन्न की कमेटियों के गठन का प्रावधान है। इनमें वित्त, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, कच्ची बस्ती सुधार, नियम उपनियम, अपराधों का शमन व समझौता, भवन निर्माण अनुमोदन, गौशाला, उद्यान सहित विभिन्न समितियों के गठन का प्रावधान है। इनके माध्यम से निकाय कार्यों व सेवाओं में सहयोग होता है।
विरोध कांग्रेस पार्षदों को करना चाहिए : पालीवाल
नेत प्रतिपक्ष ओम पालीवाल ने कहा कि समितियों का गठन नहीं होने का विरोध कांग्रेस के पार्षदों को करना चाहिए, लेकिन विपक्ष को करना पड़ रहा है। इससे लोगों के काम रुक रहे हैं। वर्तमान में पहला बोर्ड है, जह्यं सभी अधिकार प्रशासन-सभापति के पास हैं।
निदेशालय डीएलबी को भेजे हैं प्रस्ताव : समापति
# समितियों को लेकर प्रस्ताव बनाकर निदेशालय डीएलबी को भेज दिए हैं। प्रशासन शहरों के संग अभियान चल रहा है। यह अभियान 31 मार्च तक सरकार ने चला रखा है। इसके बाद ही समितियां बन सकती है। -जैनेंद्र जिवेदी, सभापति