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फर्जी एनजीओ का गठन कर जिले में 2000 युवाओं से योग मित्र के रूप में नियुक्ति देने के नाम पर 5 करोड़ रुपए की ठगी

Banswara
फर्जी एनजीओ का गठन कर जिले में 2000 युवाओं से योग मित्र के रूप में नियुक्ति देने के नाम पर 5 करोड़ रुपए की ठगी
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  • योग मित्र की सरकारी नौकरी दी 2000 युवाओं से 5 करोड़ की ठगी

फर्जी एनजीओ का गठन कर जिले में 2000 युवाओं से योग मित्र के रूप में नियुक्ति देने के नाम पर 5 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। एनजीओ योग मित्र मंडल संस्थान बांसवाड़ा ने पूरे राजस्थान में योग मित्र वॉलंटियर्स की 2 हजार पदों पर सीधी भर्ती निकालकर अप्रैल 2024 में नियुक्तियां दी थी। इनमें से बांसवाड़ा जिले की सभी 496 ग्राम पंचायतों पर एक-एक वॉलंटियर्स नियुक्त किया था। नियुक्ति के नाम पर उनसे 50 हजार रुपए की डिमांड की थी। आधा पैसा नियुक्ति से पहले यानी 25-25 हजार रुपए लिए। बाकी आधा पैसा पहला वेतन मिलने के बाद देना था।

मासिक वेतन 15 हजार रुपए तय किया था। अप्रैल 2024 में उनको नियुक्तियां दी। दो माह (अप्रैल और मई) में नौैकरी कराने के बाद जून में उनको हटा दिया। दिसंबर में पुन: नौकरी देने और साथ में ही काम कर चुके दो माह का वेतन भुगतान देने की कहा था। दिसंबर की एक तारीख को युवा पुन: एनजीओ के कार्यालय पहुंचे तो वहां कुछ नहीं मिला। युवाओं ने एनजीओ संचालक के मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया तो स्विच ऑफ आने लगे।

युवाओं ने अपने स्तर से एनजीओ के बारे में पता किया तो इस नाम के किसी भी एनजीओ का रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। एनजीओ योग मित्र मंडल संस्थान ने जिले के गनोड़ा में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास अपना कार्यालय शुरू किया था। ठगी के शिकार युवाओं ने गुरुवार को जिला प्रमुख रेशम मालवीया से मिलकर आप बीती सुनाई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

6 फरवरी 2024 को 2 हजार पदों पर सीधी भर्ती निकाली। एनजीओ द्वारा सीधी भर्ती के पत्र गांव-गांव वितरित किए गए। इसके अनुसार प्रचारक, योग मित्र, फील्ड वर्कर व मैनेजमेंट ट्रेनी के 500-500 पद रखे गए। खास बात यह है कि ज्यादा से ज्यादा युवा उनके झांसे में आ सकें, इसके लिए योग्यता केवल 12वीं पास रखी। योग डिप्लोमा या डिग्री कर रखा हो, या कर रहा हो या करने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी। कार्यक्षेत्र संपूर्ण राजस्थान में लोगों को योगाभ्यास कराने और योग प्रचार-प्रसार करना बताया। पूरी भर्ती प्रक्रिया ऑफलाइन रखी। जिलेवार रिक्त पदों को देखते हुए बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की गई। { एनजीओ ने 7 फरवरी 2 अप्रैल 2024 तक इच्छुक युवाओं को गनोड़ा में बनाए एनजीओ ऑफिस के अलावा सेनावासा में नीलेश कंप्यूटर सेंटर और पीएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कॉलेज गनोड़ा से 300-300 रुपए में आवेदन बांटे थे। 300 रुपए संस्थान की सदस्यता शुल्क के नाम पर लिए गए।

12 अप्रैल को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। चयनित युवाओं का 20 अप्रैल को योग प्रैक्टिकल टेस्ट लिया गया। 29 अप्रैल को फाइनल लिस्ट जारी कर नियुक्तियां दी गई। दिसंबर 2023 में गनोड़ा में पुराना बस स्टैंड पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास एक भवन में सेकेंड फ्लोर पर फर्जी एनजीओ योग मित्र मंडल संस्थान बांसवाड़ा का कार्यालय खोला। भर्ती निकालकर युवाओं के इंटरव्यू भी इसी कार्यालय में लिए। एनजीओ का अध्यक्ष नीलेश मईड़ा, सचिव अनिल मईड़ा और कोषाध्यक्ष जसवंत चौधरी टाटा सफारी और इनोवा गाड़ी से आते थे। गाड़ी ड्राइवर चलाता था, ऑफिस में भी 4-5 कर्मचारी थे। पहनावा भी अधिकारियों जैसा था। प्रदेश में 2 हजार और बांसवाड़ा जिले में ही यहां की सभी 496 पंचायतों पर बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति दी। प्रत्येक युवा को 15 हजार रुपए मासिक मानदेय तय हुआ था।

हर युवा से 300-300 रुपए आवेदन फॉर्म के लिए गए। यह राशि एनजीओ की सदस्यता के नाम पर ली थी। अनुमानित 3 हजार युवाओं से 9 लाख रुपए एकत्रित किए। वहीं नियुक्ति के नाम पर प्रत्येक युवा से 50 हजार रुपए डिमांड की गई। शुरुआत में 25-25 हजार रुपए लिए गए, यानी 2000 पदों पर नियुक्ति के नाम पर 5 करोड़ रुपए एकत्रित किए गए। जून में कार्यालय बंद हो कर भाग गए। युवाओं की संस्थान की ओर से नियुक्त पत्र दिए। जिसमें प्रतिलिपि में संभागीय आयुक्त, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नामों का उल्लेख किया।

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