21 शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग करवा चुका है एफआईआर, 11 को बर्खास्त किया
बांसवाड़ा शिक्षक भर्ती परिक्षा में डमी कैंडिटेट बैठाकर सरकारी नौकरी हासिल करने के बहुचर्चित मामले में 17 और शिक्षक संदेह के घेरे में हैं। मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने पांच साल में लगे िशक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन कराया है। जिसमें 17 ऐसे शिक्षकों का पता चला हैं जिन पर भी डमी कैंडिडेट बैठाने कर परीक्षा पास करने का संदेह है। ऐसे में विभाग अब इनकी फाइल भी पुलिस को सौंप सकता है। वहीं पिछले दिनों निलंबित 2-3 आरोपी शिक्षक कोर्ट से स्टे आदेश की कॉपी लेकर डीईओ कार्यालय पहुंचे हैं, जिन्होंने ज्वॉइनिंग का आग्रह किया, हालांकि विभाग ने अभी इन्हें ज्वॉइनिंग नहीं दी है। विभाग के मुताबिक स्टे लेकर आए शिक्षकों की ज्वॉइनिंग निलंबन मुख्यालय पर ही दी जाएगी, वहीं विभागीय जांच जारी रहेगी।
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती परिक्षाओं में डमी कैंडिडेट के आरोप में शिक्षा विभाग अब तक 21 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा चुका है, जिनमें से जांच के बाद 11 आरोपी शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त भी कर दिया है, जबकि 10 शिक्षकों को निलंबित किया है। इधर, वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सेकंड- 2018 की परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास कर सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोप में कुशलगढ़ धाड़का निवासी राजकुमार डिंडोर के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। राजकुमार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय करणघाटी में प्रधानाध्यापक थे। डमी कैंडिडेट केस में आरोपी बनने के बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि वह कोर्ट से स्टे लेकर आए। 19 दिसंबर को राजकुमार के स्कूल पहुंचकर उपस्थिति पंजिका में दस्तखत करने की भी जानकारी सामने आई है।
हालांकि इसकी पुष्टी के लिए पीईईओ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसी प्रकार पाली बड़ी निवासी पिकेश खड़िया भी आरोपी है। पिकेश शुक्रवार को डीईओ कार्यालय पहुंचे और कोर्ट से लाए स्टे की जानकारी दी। उन्होंने कोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध कराई। 20 जून का दिन। तब सरकारी शिक्षक भर्ती में डमी कैंडिडेट बैठाने का पहला केस पकड़ा गया था। जांच का दायरा बढ़ा तो डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास करने वाले शिक्षक सामने आते गए। इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी, सूचना सहायक, पीटीआई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आई। वन रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी यहीं से लीक हुआ था। इन 6 नौकरियों में 47 अभ्यर्थी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 50 से ज्यादा दलाल और डमी कैंडिडेट फरार है। इन भर्ती परिक्षाओं के मुख्य सूत्रधार दलाल और डमी कैंडिडेंट का कनेक्शन बांसवाड़ा के अलावा डूंगरपुर, पाली, प्रतापगढ़, जालौर, सिरोही, उदयुपर, राजसमंद से भी है। एजेंटों के जरिये इन 8 जिलों में डमी कैंडिडेट जुटाए गए थे। ^डमी कैंडिडेट मामले में कुछ अभ्यर्थी कोर्ट से स्टे की कॉपी लेकर कार्यालय आए थे, लेकिन विभाग की ओर से इन्हें अभी ज्वॉइनिंग नहीं दी गई है। - शफब अंजुम, डीईओ
भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच एसओजी को सौंपी है। पांच माह गुजर जाने के बावजूद एसओजी ने अब तक इस मामले में कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इधर, डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास कर शिक्षक बनने के कई मामलों का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने पिछले पांच साल में नियुक्त कर्मचारियों की जांच ब्लॉक स्तर पर कराई है। कुछ शिक्षकों की डिग्री अन्य राज्यों की पाई गई, जिसकी जांच चल रही हैं।