कृषि आधारित उद्योग और सुविधाएं विकसित करने को लेकर जिला कलेक्टर ने ली बैठक

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति,2019 के अंतर्गत जिला स्तरीय छानबीन एवं स्वीकृति समिति की बैठक कलेक्टर अंकित कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। जिला कलेक्टर ने कृषि प्रसंस्करण संबंधी उद्योग लगाने के लिए कृषकों, उनके समूहों एवं इच्छुक व्यापारियों को प्रेरित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिला कलेक्टर ने बताया कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत कृषक या उनके समूह को कृषि आधारित उद्योग लगाने पर 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रुपये की सीमा तक और व्यापारी को 25 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 50 लाख रुपये सीमा तक देय है। योजना के तहत 6 प्रतिशत ब्याज एवं एक रुपया प्रति इकाई विद्युत व्यय का अनुदान देय है। इसके अतिरिक्त नाबार्ड द्वारा कृषि अवसंरचना कोष के तहत आधारभूत सुविधा विकसित करने पर तीन प्रतिशत ब्याज की छूट का प्रावधान है। छानबीन समिति के सदस्य सचिव, संयुक्त निदेशक कृषि विपण विभाग के संजीव पंड्या ने बताया कि 1 करोड़ तक की परियोजना पर अनुदान जिला स्तरीय कमेटी द्वारा एवं 1 करोड़ से अधिक परियोजना के अनुदान राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा स्वीकृत किया जाता है। पंड्या ने बताया कि नवागांव, कोहाला और तलवाड़ा वृहत्त कृषि बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों द्वारा गेहूं, सोयाबीन के ग्रेडिंग, क्लिनिंग प्लांट स्थापित करने के लिए प्राप्त 3 आवेदनों पर विचार विमर्श कर प्रत्येक को 7.38 लाख रुपए पूंजी अनुदान स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है।