आंगनबाड़ियों में गर्भवतियों काे खाने के लिए बांट रहे सड़ा चना, लाेग पशुओं काे खिला रहे

बांसवाड़ा जिले सहित प्रदेशभर में 2346 क्विंटल साबूत चने के राशन डीलरों के गोदामों में पड़ा-पड़ा सड़ने के भास्कर खुलासे के बाद भी खराब चना आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवतियाें, बच्चों और धात्रियाें काे बांटा जा रहा है। सरकार, प्रशासन और रसद विभाग गोदामों में पड़ा सड़ा चना बांटकर स्टाॅक खत्म करने की काेशिश में है लेकिन आश्चर्यजनक है कि जाे चना आंगनबाड़ी केंद्रों पर बांटा जा रहा है उसे महिलाएं अपने पशुओं काे खिला रहे हैं। खराब चना बांटने का मामला बांसवाड़ा शहर में अगरपुरा क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र का है। जहां लाेगाें ने स्वयं खराब चने के फाेटाे खींचकर भास्कर रिपोर्टर काे उपलब्ध कराए।इसके बाद भास्कर टीम संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची ताे वहां खराब चने के बाेरे भरे हुए थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रीना जाेशी से खराब चनाें की जानकारी ली गई ताे उन्होंने बताया कि विभाग से ही उन्हें आदेश थे कि गोदाम से चने लेकर वितरण करना है। कार्यकर्ता जाेशी ने स्वयं माना कि गोदाम से आए चने खराब हैं। बांसवाड़ा जिले मे 13.62 क्विंटल चना खराब हाे चुका है।
ये चने ताे भैंस काे खिलाएंगे
आंगनबाड़ी केंद्र वार्ड 19 के अबीर परिहार के पिता जितेंद्र परिहार ने बताया कि शनिवार काे केंद्र से फाेन आया कि चना दाल और चने आए हैं। केंद्र से ले जाए। वहां पहुंचे ताे चना दाल ताे पैकिंग वाली दी, लेकिन चने पूरी तरह से खराब थे। उसमें छाेटे-छाेटे कीड़े थे। चने खराब इतने हाे चुके थे कि उनमें भी छेद हाे गए थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काे बताया ताे उन्होंने भी कहा कि आगे से आए हैं हम क्या कर सकते हैं। परिहार ने बताया कि वाे चने घर पर जाकर धूप में रखे हैं उन्हें भैंस या अन्य पशुओं काे खिलाएंगे।
जाे खराब चना था उसे रिप्लेस कर नया चना बांटने के आदेश दिए थे। विभाग काे भी खराब चना नहीं लेने के लिए कहा था, यदि खराब चना काेई बांटता है ताे इसकी सूचना देने काे भी कहा है। अभी हमारे पास ऐसी काेई शिकायत नहीं आई है। चना खराब हुआ है ताे उसकी पूरी जिम्मेदारी स्टाॅक करने वाले की ही है, क्योंकि उसके रखरखाव की जिम्मेदारी उसकी ही है। -राजकुमारसिंह, कार्यवाहक, डीएसओ
रसद विभाग ने सात जून काे जारी किए केंद्रों पर सड़े चने बांटने के आदेश
खराब चने के खुलासे के बाद प्रशासन ने आदेश जारी कर इसका वितरण नहीं करने काे कहा। इसके बाद 7 जून काे रसद अधिकारी ने ही राजस संघ और क्रय-विक्रय सहकारी समिति काे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उपलब्ध चना और चना दाल काे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं काे बांटने के आदेश जारी कर दिए।
हे सरकार-प्रशासन... यह फाेटाे देखकर आप खुद तय कर लीजिए कि यह चना आंगनबाड़ियों में गर्भवतियों व बच्चों के खाने लायक है क्या?
शहर के अगरपुरा क्षेत्र में आंगनबाड़ी से मिले खराब चने बकरियों को खिला दिए।