शादी ब्याह में डीजे नहीं बजाने का निर्णय

ग्राम पंचायत झेर महादेव मंदिर मंे जनजातीय स्वराज संगठन आनंदपुरी की बैठक की गई ! जिसमंे स्वराज संगठन के पद्वाधिकारियों ने भाग लिया। संगठन अध्यक्ष धनपाल आयड़ ने बताया कि आदीवासी समाज की संस्कृति व जल, जगंल, जमीन, जानवर, बीजों के संरक्षण पर आदिवासियों के ंस्थानीय समूह द्वारा संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है और समय समय पर वागधारा संस्थान द्वारा मार्गदर्शन दिए जा रहे है, लेकिन आज हमारा समाज बाहरी चीजांे से घिरा हुआ लग रहा है। आदीवासी समाज के दिनांे दिन खर्च बढ़ते जा रहे हैं, जो हमारी संस्कृति का हिस्सा ही नहीं है, वर्तमान समय मंे बच्चों की शादी हो या किसी अन्य प्रकार का आयोजन। इसमें आदीवासी संस्कृति कही न कही लुप्त होती दिख रही है। इसलिए हम सभी साथियांे को आगे आना होगा। वर्तमान समय मंे शादी ब्याह के समय मंे डीजे बजाने का इतना गहरा शौक हो गया है कि गरीब परिवार के सदस्य भी उधार रुपए लाकर इस डीजे वाली नई संस्कृति पर खर्च कर रहे हैं, जो हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई मंे नहीं लग रहा है। गरीब परिवार अधिक खर्च करने के बाद पलायन करने लगते हैं, बच्चो मे नशा प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। जिससे डीजे. पर पूर्ण रूप से पांबदी लगाई जानी जरूरी है। जनजातीय स्वराज की बैठक में निर्णय लिया कि अपज से अपने अपने गांव, घर और परिवार में डीजे का उपयोग नही करेंगे और न ही करने दंेगे। समाज मंे जाकर सभी को इसके नुकसान के बारे मंे बताया जाएगा। इस प्रकार चर्चा कर बैठक का समापन किया गया। इस दौरान जनजातीय स्वराज संगठन आनन्ंदपुरी के सदस्य भूरालाल पारगी, ललिता, हरिशकंर निनामा, राजवाला व वागधारा संस्थान से सीनियर परियोजना अधिकारी परमेश पाटीदार उपस्थित रहे।
