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कलेक्टर अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे:हिमोग्लोबिन कम होने पर विशेष फॉलोअप, हर महीने पीएचसी में होगी जांच

Banswara
कलेक्टर अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे:हिमोग्लोबिन कम होने पर विशेष फॉलोअप, हर महीने पीएचसी में होगी जांच
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जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने छोटी सरवन क्षेत्र के नापला और डेरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, आशा सहयोगिनियों, एएनएम और सीएचओ से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी स्थिति की जानकारी ली और दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उपखंड अधिकारी सुनील कुमार पीपलीवाल, आरसीएचओ डॉ. दिनेश कुमार भाबोर, बीसीएमओ डॉ. मुकेश मईड़ा, आईईसी सीओ अमित शाह तथा जपाइगो के प्रतिनिधि लोकेश शर्मा भी उपस्थित रहे।

नापला केंद्र: 10 से कम हिमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार

कलेक्टर डॉ. यादव ने सबसे पहले नापला आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने उन गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करवाई जिनका हिमोग्लोबिन स्तर 10 ग्राम/डीएल से कम है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन महिलाओं को संस्थान बुलाकर ब्लड सैंपल लिए जाएं और सीएचसी स्तर पर पुनः जांच करवाई जाए।

इसके साथ ही उन्होंने पीसीटीएस एप में की गई एंट्री और रजिस्टर के मिलान की भी समीक्षा की।

आशा कार्यकर्ता पार्वती निनामा ने एप के माध्यम से अपने कार्यों की जानकारी दी, जिस पर कलेक्टर ने पीसीटीएस एप की बारिकियों को समझाते हुए उसके फायदों को भी लाइव दिखाया। उन्होंने प्रोत्साहन राशि की जानकारी भी विस्तार से दी। इस अवसर पर सीएचओ मनोज डिंडोर और एएनएम गीता राजोरिया भी उपस्थित रहीं।

डेरी में 79 में से एक गर्भवती महिला का ही हिमोग्लोबिन कम था डेरी केंद्र पर कलेक्टर डॉ. यादव ने स्वास्थ्य सेवाओं के अच्छे संचालन पर टीम की सराहना की। यहां की रिपोर्ट के अनुसार केवल एक गर्भवती महिला का ही हिमोग्लोबिन कम पाया गया, जबकि शेष 78 एएनसी का स्तर संतोषजनक था। उन्होंने नियमित जांच और सतत फॉलोअप की महत्ता को दोहराया। स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा पानी की समस्या बताए जाने पर कलेक्टर ने मौके से ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि योग्य दंपतियों के प्रारंभिक चरण में ही हिमोग्लोबिन जांच करवाई जाए ताकि गर्भावस्था से पूर्व ही एनीमिया नियंत्रण पर कार्य किया जा सके। इस दौरान सीएचओ प्रियंका सुथार, शकुंतला, विमला, मणि एवं एएनएम पुष्पा उपस्थित रहीं।

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