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सुनिए, रिश्वतखोर MLA का धमकाने वाला ऑडियो:शिकायतकर्ता से बोले–जल्दी करो, वरना दिक्कत हो जाएगी; जानिए वो सवाल, जिसके लिए मांगे 2.5 करोड़

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सुनिए, रिश्वतखोर MLA का धमकाने वाला ऑडियो:शिकायतकर्ता से बोले–जल्दी करो, वरना दिक्कत हो जाएगी; जानिए वो सवाल, जिसके लिए मांगे 2.5 करोड़
@HelloBanswara - Rajasthan -

लेखक: मनीष व्यास

20 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार BAP विधायक जयकृष्ण पटेल लगातार शिकायतकर्ता और भाजपा नेता रवींद्र मीणा को रिश्वत की रकम की वसूली के लिए धमका रहा था। इसके लिए वो बाकायदा अपनी पार्टी का नाम भी ले रहा था।

भास्कर के हाथ रिश्वतखोर MLA पटेल का ऑडियो लगा है, जिसमें वो रवींद्र मीणा को वसूली के लिए धमका रहा है।

इस रिपोर्ट में पढ़िए वो सवाल, जिसके लिए विधायक जयकृष्ण पटेल ने ढाई करोड़ रुपए में सौदा तय किया था।

पढ़िए 18 अप्रैल को एमएलए पटेल और रवींद्र मीणा के बीच हुई बातचीत…

एसीबी ने रविवार को भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एसीबी ने रविवार को भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

जयकृष्ण पटेल : हां, हैलो, नमस्ते भाईसाहब!

रवींद्र मीणा : मैं यह कह रहा था कि भैया किसी तीसरे जने को डालने से अच्छा है कि अपने दोनों बीच में ही रहे तो वो ज्यादा अच्छा है।

जयकृष्ण पटेल : नहीं-नहीं, वो तो तीसरे को डाला ही नहीं मैंने, और बात भी नहीं है। आएगा तो मेरा भाई आएगा। आपके पास दूसरा कोई नहीं आएगा।

रवींद्र मीणा : अच्छा-अच्छा मतलब सगे भाई?

जयकृष्ण पटेल : हां, कोई दिक्कत नहीं।

रवींद्र मीणा : हां, अच्छा-अच्छा ठीक है भैया। मैं आपको एक बार बता देता हूं, अगर मेरा हुआ तो मैं खुद ही आ जाता हूं, वही ठीक रहेगा।

जयकृष्ण पटेल : ठीक है, आपको टाइम कितना लगेगा? मेरी बात सुनो, बाद में फिर दिक्कत आ जाएगी। आप बोलोगे MLA साहब ऐसा-ऐसा। फिर यार क्लियर बोल रहा हूं मैं।

रवींद्र मीणा : कोई टाइम नहीं भैया। पापा से बात हो गई थी। पापा वैसे ही मिलना चाह रहे थे तो वो तो बाद में मिल लेना। अपन ये काम तो कर देते हैं। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

रवींद्र मीणा : नहीं भैया।

जयकृष्ण पटेल : मैं नहीं चाहता हूं कि आपको कोई दिक्कत हो। हमारी पार्टी के लिए कुछ कर दो आप। बाकी का आप…

रवींद्र मीणा : आप तो ये सवाल रिमूव करवा देना भैया, बाकी का तो क्या है?

जयकृष्ण पटेल : बिल्कुल, वो करवा दूंगा। वो कोई इश्यू नहीं आएगा। बंद-वंद की कोई दिक्कत नहीं है। वो आप चिंता मत करो।

रवींद्र मीणा : इसका कोई टेक्निकल वर्ड होता है क्या भैया। बंद कराने का कुछ बोलते हैं क्या इसको?

जयकृष्ण पटेल : सीधा बंद हो जाता है। एक बार बोला, मतलब बंद।

रवींद्र मीणा : ठीक है भैया। मैं आपको कॉल करता हूं।

जयकृष्ण पटेल : 5-7 दिन लगेंगे या ज्यादा?

रवींद्र मीणा : नहीं-नहीं, कर देंगे भैया, जल्दी कर देंगे। वो तो उस वक्त पापा बीमार हो गए थे।

MLA जयकृष्ण पटेल : ठीक है, ठीक है।


इस तरह विधायक के शिकंजे में फंसे पिता-पुत्र

ये भी जानना जरूरी था कि आखिर क्यों शिकायतकर्ता रवींद्र मीणा और उनके पिता रामनिवास मीणा MLA पटेल के शिकंजे में फंस गए थे और वो क्यों विधायक पटेल से रिश्वत की डील करने पर मजबूर हो गए थे।

पड़ताल में सामने आया कि MLA पटेल ने जुलाई में पहले ही दो बार टोडाभीम क्षेत्र में हो रहे खनन को लेकर दो सवाल विधानसभा में लगाए थे, जिनसे रवींद्र और रामनिवास को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा था। वहीं डिपार्टमेंट ने भी बड़ी आसानी से जवाब दे दिए थे।

मामला तब बिगड़ा, जब 22 जनवरी 2025 और 28 फरवरी 2025 को विधायक पटेल ने विधानसभा में नए सवाल लगाकर कुछ जानकारियां और मांग ली।

जो सवाल पूछे, उनके जवाब देना मुश्किल

भास्कर पड़ताल में सामने आया कि सवाल लगते ही न सिर्फ रामनिवास और रवींद्र मीणा बल्कि खान विभाग के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया था। जो जानकारियां विधायक पटेल ने मांगी थी, उन्हें देना बड़ा मुश्किल था।

22 जनवरी 2025 को विधायक पटेल ने पूछा था...

1. विधानसभा क्षेत्र टोडाभीम की ग्राम पंचायत मोरडा जहांनगर, ग्राम पंचायत कमालपुरा और ग्राम पंचायत धवान में RSPCB द्वारा कुल कितनी-कितनी जगह पर खनन कार्य के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं?

2. क्या यह सही है कि उक्त तीनों ग्राम पंचायतों में निर्धारित क्षेत्रफल से अधिक में खनन हो रहा है? यदि हां, तो विभाग द्वारा तय सीमा से ज्यादा क्षेत्रफल में खनन रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?

3. क्या यह सही है कि उक्त तीनों ग्राम पंचायतों में RSPCB की अनुमति बिना खनन कार्य किया जा रहा है? यदि हां, तो क्यों तथा विभाग द्वारा इसे रोकने हेतु क्या-क्या कदम उठाए गए?

4. उक्त ग्राम पंचायतों में खनन कार्य से होने वाले प्रदूषण की विभाग द्वारा कब-कब जांच की गई? यदि नहीं तो क्यों?

22 जनवरी 2025 को विधानसभा में जयकृष्ण पटेल की ओर से लगाया सवाल।
22 जनवरी 2025 को विधानसभा में जयकृष्ण पटेल की ओर से लगाया सवाल।

28 फरवरी 2025 को विधायक पटेल ने सवाल लगा ये जानकारियां मांगी

  1. टोडाभीम विधानसभा के मोरड़ा, गड़ी, कमलापुर, राजौली, धवान और गुढ़ाचंद्रजी गांवों में स्थित पहाड़ों पर विभाग द्वारा चार खनन पट्टे 48.7 हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत हैं। उक्त आवंटन से लेकर अब तक कुल कितना खनन कितनी मात्रा में किया गया है और कितना किया जाना बाकी है?
  2. उक्त सभी खनन पट्टों का आवंटन सरकार द्वारा कब-कब किया गया? आवंटन से लेकर अब तक सरकार को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है?
  3. क्या ये सही है कि उक्त खनन लीजधारकों में किए गए खनन की मात्रा का पर्याप्त राजस्व सरकार को जमा नहीं करवाया है? क्या सरकार ऐसे लीजधारकों के खिलाफ कार्यवाही करने का विचार रखती है? यदि हां तो कब तक?
  4. क्या ये सही है कि उक्त सभी खनन पट्टों का आवंटित जगह से ज्यादा क्षेत्रफल में खनन किया जा रहा है? उक्त चारों खनन पट्टों में अब तक हुए खनन के क्षेत्रफल सहित विवरण सदन की मेज पर रखें।
28 फरवरी 2025 को लगाया गया सवाल। दोनों ही सवाल विधानसभा में टेबल नहीं हुए थे।
28 फरवरी 2025 को लगाया गया सवाल। दोनों ही सवाल विधानसभा में टेबल नहीं हुए थे।

डिपार्टमेंट में डेटा ही नहीं

भास्कर पड़ताल में सामने आया कि इन सवालों का जवाब देना न सिर्फ विभागीय अधिकारियों बल्कि वहां खनन कर रही रवींद्र मीणा और दूसरे अन्य लीजधारकों की कंपनियों को बड़ी मुश्किल में डालने वाला था।

शिकायतकर्ता रवींद्र मीणा ने भी भास्कर से बातचीत में दावा किया कि डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मुझे बताया कि उन्होंने ऐसा सवाल लगाया है कि जिसका जवाब देना लगभग असंभव है। डिपार्टमेंट में तो उसका डेटा ही नहीं है।

ये माइंस ब्रिटिश काल से चल रही थीं। 1958 में यहां पहली बार लीज आवंटन हुआ था। सवाल में विधायक पटेल ने साल 1958 से ही डेटा मांगा था। तब से लेकर अब तक इस लीज का एरिया भी कम हो गया है।

उस वक्त ये लीज 900 हेक्टेयर की थी और इसके बाद फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट आया और ईसी का नियम आया तो इसका एरिया कम कर लीज को छोटा कर दिया गया था। 900 हेक्टेयर पर खनन के हिसाब से काफी रुपया भी जमा करना होता था तो धीरे-धीरे इस एरिया को काफी कम कर दिया गया।

सवालों में विधायक पटेल तब 1958 के लीज डेटा से आज की डेट में इवैल्युएशन करवाना चाह रहे थे कि ये सही है या नहीं है।

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