तीन विकल्प... जसवंतपुरा से बिजयनगर और सलूंबर से बांसवाड़ा तक सेम रूट, बिजयनगर से सलूंबर के बीच बदलाव


लंबाई- 365.530 किलोमीटर प्रभावित स्ट्रक्चर- 506 वन भूमि- 15.343 किलोमीटर (138.087 हेक्टेयर) बांसवाड़ा। स्पीड- 120 किमी प्रति घंटा रूट: विकल्प-2 भीलवाड़ा और चित्तौड़ के नजदीक होगा। चित्तौड़ से फतेहनगर के पास होते हुए सलूंबर आएगा। {पहला विकल्प इसलिए सबसे अच्छा है, क्योंकि इसकी लंबाई कम होने से निर्माण पर लागत कम आएगी। प्रभावित स्ट्रक्चर कम होने से मुआवजा कम देना पड़ेगा।
हालांकि वन विभाग की जमीन ज्यादा है, लेकिन सरकारी प्रोजेक्ट होने से ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। जसवंतपुरा 8 जिले नागौर, अजमेर, ब्यावर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, सलूंबर, डूंगरपुर जिले की सीमा से बांसवाड़ा आएगा। बांसवाड़ा 9वां जिला है। इनमें 3800 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा और लागत करीब 12.58 हजार करोड़ आने की संभावना है। अब वाहनों की संख्या और टोल वसूली को लेकर ट्रैफिक सर्वे हो चुका है।
पहले कंसलटेंट ने एक्सप्रेस-वे को प्रतापगढ़ जिले की सीमा से होकर गुजारने का विचार किया था, इसमें सीतामाता अभयारण्य बीच में आने से रूट को डायवर्ट करना पड़ा। जल्द ही तकनीकी स्वीकृति के बाद नोटिफिकेशन जारी होने वाला है। इसके बाद टेंडर और जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा। एक्सप्रेस-वे 10 फीट ऊंचा होगा। सड़क पर जलभराव नहीं होगा। मार्ग सुरक्षित और कम मरम्मत वाला होगा। एक्सप्रेस-वे पर एंट्री/ एक्जिट प्वॉइंट्स निर्धारित स्थानों से ही होगी। इससे सड़क पर जंगली या पालतू जानवर नहीं आएंगे। लंबाई- 360.400 किलोमीटर प्रभावित स्ट्रक्चर- 431 वन भूमि- 5.632 किमी (50.688 हेक्टेयर) डिजायन स्पीड- 120 किलोमीटर प्रति घंटा रूट: भीलवाड़ा और चित्तौड़ से सबसे दूर वाला रूट। कपासन के नजदीक होते हुए फतेहनगर के अंदर से होते हुए सलूंबर पहुंचेगा। विश्वजीत गोले | बांसवाड़ा/डूंगरपुर अजमेर-बांसवाड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे ( 4/6 लेन) के लिए अलाइनमेंट सर्वे पूरा हो चुका है। एलएन मालवीय इंफ्रा इनफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और पायोनियर इंफ्रा कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार को तीन रूट का विकल्प दिया है। तीनों में यह प्रस्तावित जयपुर-किशनगढ़-अजमेर एक्सप्रेस-वे पर नागौर जिले के जसवंतपुरा गांव से शुरू हो रहा है।
तीनों में ही इसका अंतिम प्वॉइंट बांसवाड़ा शहर के नजदीक एनएच-56 पर कूपड़ा गांव और लियो सर्किल वाली रोड के बीच पेट्रोल पंप के पास होगा। पहला रूट 359.840 किमी, दूसरा 365.530 किमी और तीसरा 360.400 किमी लंबा है। सूत्रों के अनुसार पहले विकल्प की डीपीआर को सरकार की मौखिक मंजूरी मिल चुकी है। इसकी सबसे ज्यादा लंबाई 86.50 किलोमीटर भीलवाड़ा जिले में होगी। नागौर के जसवंतपुरा में 12.75 किलोमीटर, अजमेर में 31, ब्यावर में 33.800, चित्तौड़गढ़ में 66.200, उदयपुर में 19.04, सलूंबर में 52.610, डूंगरपुर में 22.680 और बांसवाड़ा में 35.260 किलोमीटर लंबाई होगी। एक्सप्रेस-वे की डिजायन स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। नागौर से बांसवाड़ा तक तीन जगह चित्तौड़, उदयपुर और डूंगरपुर में रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरेगा। कुल 336 स्ट्रक्चर प्रभावित होंगे।
फॉरेस्ट एरिया 21.450 किलोमीटर होगा। जिसमें 193.05 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण होगा। खास बात ये कि इसमें कोई भी वन्यजीव प्रभावित नहीं होगा। लियो सर्किल लंबाई- 359.840 किलोमीटर प्रभावित स्ट्रक्चर- 336 वन भूमि- 21.450 किमी (193.05 हेक्टेयर) स्पीड- 120 किलोमीटर प्रति घंटा रूट: जसवंत पुरा गांव से बिजयनगर तक और सलूंबर से बांसवाड़ा तक तीनों रूट सेम हैं। बिजयनगर से सलूंबर के बीच तीनों रूट में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन विकल्प-1 भीलवाड़ा से थोड़ा दूर लेकिन कपासन होते हुए आएगा। यह फतेहनगर नहीं जाएगा।