एक-दूसरे पर फेंकी जलती लकड़ियां: भगदड़ मचने पर दो हिस्सों में बंटे लोग, देखने के लिए दूर-दूर से आए लोग

बांसवाड़ा के पाटीदार समाज के लोग होली पर 560 साल पुरानी परंपरा निभाते हुए होली की राड खेलने की रस्म निभाते है। इसे देखने के लिए दूर-दराज के गांवों से बड़ी संख्या में लोग आए। होली का अबीर गुलाल उड़ने लगा। कोरोना काल के पहले तक घाटोल के पाटीदार समाज में होली की राड का समय करीब 20 मिनट था। तीन साल पहले खेलते हुए एक युवक की आंख पर चोट लगी। इसके बाद से समाजजनों ने सामूहिक निर्णय कर राड खेलने का समय केवल 10 मिनट कर दिया। इसके बाद से 7 से 10 मिनट होते ही लोगों को मैदान से हटा दिया जाता है।
केवल घाटोल का पाटीदार समाज फॉलोअर
जलती लकड़ियों से राड खेलने की परंपरा बांसवाड़ा जिले के घाटोल कस्बे से जुड़े पाटीदार समाज में ही है। बाकी जगहों पर पाटीदार समाज में ऐसी होली और राड खेलने का दस्तुर नहीं है। यही विशेषता यहां के पाटीदारों को अलग पहचान दिलाती है।
कंटेंट : किशोर बुनकर (घाटोल)