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खाद की कमी से कालाबाजारी, 267 रुपए के कट्टे का 380 तक वसूल रहे दुकानदार

Banswara
खाद की कमी से कालाबाजारी, 267 रुपए के कट्टे का 380 तक वसूल रहे दुकानदार
@HelloBanswara - Banswara -

जिले में यूरिया का पर्याप्त स्टॉक होने के बाद भी कालाबाजारी का खेल रुक नहीं रहा है। खुले बाजार में दुकानदार मनमर्जी से यूरिया खाद की कीमत वसूल रहे है। पहले कोरोना के चलते लॉकडाउन से किसान परेशान रहे। अच्छी बारिश होने से किसानों ने राहत की सांस ली और कृषि कार्य में तेजी आई, लेकिन बढ़े हुए यूरिया के दाम फिर से किसानों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। अभी यूरिया खाद के बोरी के दाम 267 रुपए हैं। भास्कर ने छोटी सरवन, दानपुर, कटुम्बी में यूरिया खाद को पड़ताल की तो सामने आया कि किसानों को 380 से भी ज्यादा दाम पर बेचा जा रहा है। साथ ही दुकानदारों ने अपने यहां स्टॉक कर रखा है। सभी दुकानदार अलग-अलग रेट वसूल रहे हैं। भास्कर संवाददाता ने जब एक दुकानदार से रेट पूछा तो उसने 300 रुपये बताया, दूसरे ने 350, तो किसी ने 360 और कुटुंबी के दुकानदार ने 380 रुपये तक बताया। वहां के किसान कचरु, रावल और राजू मईड़ा ने बताया कि वे 380 रुपए के कट्टे लेकर गए हैं। खेद में खाद डालनी है तो क्या करें, लेनी ही पड़ेगी, अब रेट तो ज्यादा ले रहे हैं पर हम क्या करें मजबूरी हैं। सबसे बड़ी बात यह है कृषि विभाग इससे अनजान बना हुअा है।

केस 1

कंटुम्बी में लैम्पस के पास स्थित दुकान पर जब यूरिया खाद के बारे में पूछा तो उसने बताया कि एक बोरी का रेट 380 रुपए है। हमें भी आगे से महंगी मिलती है इसलिए दाम बढ़ाकर देने पड़ते हैं। दुकानदार ने बताया कि बांसवाड़ा के पास स्थित वागड़ वाले से खाद लेकर आता है। साथ ही दुकानदार ने बिल देने से भी मना किया।
 

केस 2

छोटी सरवन में नानालाल जैन की दुकान पर गए। जहां एक अॉटो भी यूरिया खाद से भरा हुआ था। जब दुकानदार से खाद का रेट पूछा तो उन्होंने 350 रुपये बताया। दुकानदार ने कहा कि इससे कम रेट में नहीं मिलेगा। कनक ट्रेडर्स की दुकान पर पहुंचे तो दुकानदार ने यूरिया खाद का रेट 300 रुपए बताया।

केस 3
नजदीक ही एक दुकान पर काफी मात्रा में खाद के कट्टों का स्टॉक था। जहां दुकानदार ने पिता से फोन पर बात कर हमारा नाम जाना, फिर पूछा कहां लेकर जाओगे उसके बाद 360 रुपये प्रति कट्टे का रेट बताया।
 


लैम्पस में भी नहीं पहुंच रही खाद: यूरिया खाद लैम्पस में भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। इसके चलते किसानों को निजी दुकानों से ही यूरिया लेना पड़ रहा है। कोआपरेटिव बैंक के एमडी अनिमेश पुरोहित ने बताया कि इफको से ही खाद की सप्लाई नहीं हो रही है। हमारी तो 10 हजार मैट्रिक टन की मांग रहती है। अभी तक केवल 5 हजार मैट्रिक टन सप्लाई हुआ है। फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं कि सप्लाई हो। बाकी बची हुई भी 4 दिनों में रेट के बाद कोशिश रहेगी की सप्लाई हो।
 

ज्यादा दाम पर तो कोई दुकानदार नहीं दे रहा है। यूरिया के प्रति कट्टा के रेट 267 रुपये हैं। जिले में लगभग सभी जगहों पर सप्लाई हो रहा है। कहीं कोई दिक्कत नहीं हैं। जिले में करीब 45 हजार मैट्रिक टन यूरिया की खपत होती है। -बीएल पाटीदार, उपनिदेशक, कृषि विभाग

 

पूरे जिले में ही किसानों को 300 से 400 रुपए के दाम लिए जा रहे हैं। लैम्पस में भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। मजबूरी में किसान महंगे दाम पर ही खाद खरीदने को मजबूर हो रहा है। प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। -रणछोड़ पाटीदार, संभागीय अध्यक्ष,भारतीय किसान संघ

 

 

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