गंदगी से भरा भूंगड़ा तालाब, रखरखाव की कमी, जलकुंभी ने बिगाड़ा स्वरूप
भूंगड़ा| भूंगड़ा गांव के हनुमान मंदिर के पास प्रचीन ऐतिहासिक तालाब रखरखाव के अभाव में अपना अस्तित्व खो चुका है। तालाब में काई जम चुकी और गंदगी की भरमार हो चुकी है। प्रशासन और पंचायत की उदासीनता व अनदेखी की वजह से तालाब दुर्दशा का शिकार हो गया है। सफाई के अभाव में तालाब का पानी गंदा और बदबूदार हो गया है। जिससे जलीय जीव-जंतु और मवेशियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।
गांव के प्रबुद्धजनों और पर्यावरण प्रेमियों ने तालाब की बिगड़ती दशा को देखकर चिंतित है। ग्रामीणों ने बताया कि जलकुंभी एक तरह की जलीय खरपतवार है, जो तालाबों के ऊपर घनी चादर की तरह फैल जाती है, जिससे तालाब का पानी दूषित हो जाता है। सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाने के कारण जलीय जीवन प्रभावित होता है। ग्रामीण सरपंच ने बताया कि कई बार विभाग को समस्या से अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई। साथ ही उन्होंने बताया कि बजट आने पर सौंदर्यीकरण करवाया जाएगा।
मिट्टी और पानी का प्रदूषण: तालाबों में गंदे पानी और कचरे का जमाव आसपास के क्षेत्र की मिट्टी और भूजल को भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे कृषि और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। तालाबों में ऑक्सीजन की कमी और गंदगी के कारण मछलियों और अन्य जलीय जीवों की जीवन संकट में है। जिससे पारिस्थितिक तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।