टोक्यो ओलम्पिक के जीत के जश्न में बांसवाडा के खिलाडी नन्दकिशोर रावत और धुलचन्द डामोर का सम्मान किया

भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केन्द्र धार द्वारा टोक्यो ओलम्पिक में भारत के द्वारा एक एतिहासिक प्रदर्शन में जिसमें भारत के खिलाडियों के द्वारा 01 गोल्ड, 02 सिल्वर और 04 ब्रान्ज मेडल जितने पर जश्न मनाया गया। जिसमें ओलम्पिक(सन् 1992, बार्सिलोना) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडी बागीदोरा, जिला बांसवाडा (राज.) धुलचन्द डामोर, भारत देश के एशियन सिल्वर मेडलिस्ट मेरठ (उ.प्र.
के सूबेदार विश्वास कुमार एवं अन्तर्राष्ट्रीय खिलाडी बांसवाडा (राज.) के नन्दकिशोर रावत का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में धार के जिलाधीश महोदय आलौक कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक महोदय आदित्य प्रताप सिंह एवं जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष छोटू शास्त्री भी मौजूद रहे ।
सर्वप्रथम अतिथियों के द्वारा हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।' इसके पश्चात अतिथियों का परिचय भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच रहे राजेश तम्बोलिया के द्वारा दिया गया। इस अवसर पर भारतीय खेल प्राधिकरण के खिलाडियों के द्वारा केक काटकर ओलम्पिक में भारत की विजय का जश्न मनाया गया। इसी कडी में कार्यक्रम में धुलचन्द डामोर ,विश्वास कुमार एवं नन्दकिशोर रावत के द्वारा अपने खेल जीवन के अनुभव साझा किये और खिलाडियों को बताया कि जीत॑ के लिये बडा लक्ष्य निर्धारित करे और इसकी प्राप्ति छोटे छोटे लक्ष्यों से पूरा करे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि आलोक कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सबसे पहले लक्ष्य तय होता है; सफलता खुद ब खुद चली आती है। जिस तरह हाल ही में टोक्यो ओलम्पिक में भाला फेक प्रतियोगिता में नीरज कुमार ने गोल्ड मेडल जीत कर देश का नाम स्वर्णिम अक्षर में लिखा है। इसी तरह हर खिलाडी को अपना लक्ष्य गोल्ड मेडल की तरह तय कर लेना चाहिए।
विशेष अतिथि आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि हार जीत का कोई मायने नहीं होता है। हर खिलाडी में एक जज्बा होना चाहिए जिस तरह देश ने 07 पदक हासिल किये है। यह भी एक बडी है कि आज धार का नाम पूरे देश में प्रसिद्ध है। अगर त्तीरंदाजी की चर्चा देश में कही भी होती है तो सबसे पहले जनजातीय क्षेत्र का नाम आता है। घुलचन्द डामोर ने कहा कि धार की धरा में हर क्षेत्र गें होनहार खिलाडी छुपे है। जिस तरह हीरे को तराशा जाता है। उसी तरह धार के खिलाडियों को! भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केन्द्र धार पर तराशा जा रहा है। कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र प्रमारी श्वेतांक वर्मा द्वारा केन्द्र की आगामी योजनाओ की जानकारी देते हुये अतिथियों का आभार माना व मंच का संचालन विनय मुकाती सहायक बेडमिंटन प्रशिक्षक के द्वारा किया गया |