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युवक ने मुंह में सुतली बम जलाकर की आत्महत्या: मां को बाथरूम में किया बंद; बहन बाहर से खटखटाती रही दरवाजा

Banswara
युवक ने मुंह में सुतली बम जलाकर की आत्महत्या: मां को बाथरूम में किया बंद; बहन बाहर से खटखटाती रही दरवाजा
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा में एक युवक ने मुंह में सुतली बम फोड़कर आत्महत्या कर ली। युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस दौरान धमाके की आवाज आने के साथ ही पूरे घर में खून फैल गया। स्थानीय लोगों ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला।

घटना बांसवाड़ा शहर के वाडिया कॉलोनी में शुक्रवार दोपहर दो बजे की है। मृतक हिमांशु गोयल (34) पुत्र जगदीश प्रसाद गोयल ने घर में बम को मुंह में रख कर आग लगा दी।

मृतक हिमांशु ने सुतली बम मुंह में रखकर आग लगा ली थी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक हिमांशु ने सुतली बम मुंह में रखकर आग लगा ली थी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

मां को बाथरूम में बंद कर आत्महत्या की

सीआई राजतालाब थाना कैलाश चन्द्र ने बताया- हादसे के वक्त घर पर हिमांशु और उसकी मां मिथिलेश (60) ही थे। मां नहाने के लिए बाथरूम में गई तो हिमांशु ने बाहर से बाथरूम की कुंदी लगा दी। उसके बाद मुंह में बम चलाकर आत्महत्या कर ली। धमाके की आवाज आने पर मां डर गई और अंदर से चिल्लाती रही, लेकिन दरवाजा खोलने वाला घर में कोई भी नहीं था।

बहन बाहर से दरवाजा खटखटाती रही

हिंमाशु की छोटी बहन भावना की तीन दिन पहले ही शादी हुई थी। लेकिन वह ससुराल से अपनी मां और भाई से मिलने दोपहर को ही अपने पीहर आई थी। वह बाहर पहुंची और काफी देर तक दरवाजा खटखटाती रही। वहीं मां बाथरूम के अंदर से चिल्लाती रही। चीख-पुकार सुनकर पड़ौसी वहां पहुंचे और दरवाजा खोला, तब हादसे के बारे में पता चल सका। इस दौरान पुलिस भी वहां पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए मॉर्च्युरी ले जाया गया।

हिमांशु का घर, जहां उसने सुसाइड किया।
हिमांशु का घर, जहां उसने सुसाइड किया।

15 साल पहले करंट लगा था

हिंमाशु के चचेरे भाई सेतु गोयल ने बताया- मृतक हिमांशु के साथ करीब 15 साल पहले तलवाड़ा कस्बे में भी हादसा हुआ था। बिजली की हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से उसे जोर का झटका लगा था, लेकिन तब जान बच गई थी।

4 साल की आयु में हुई थी पिता की मौत

परिवार के परिचित संदीप सुरेका ने बताया- हिमांशु जब 4 साल का था, तभी उसके पिता की मौत हो गई थी। मां सरकारी टीचर थी। वह इसी साल जनवरी में रिटायर हुई थी और उनकी पेंशन ही घर में एकमात्र आय का जरिया है। घर में मामा अजय गुप्ता भी आर्थिक सहयोग करते है। हिमांशु 15 सालों से डिप्रेशन से पीड़ित था। उसने ग्रेजुएशन किया था, लेकिन फिलहाल बेरोजगार था। हाल में 3-4 दिन पहले ही उसकी बहन की शादी धूम धाम से हुई थी।

हिमांशु के शव को घर से बाहर लाते हुए।
हिमांशु के शव को घर से बाहर लाते हुए।
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