29.15 करोड़ के 8 एमओयू की इकाइयां दो महीने में शुरू होंगी, लगभग 2 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा

बांसवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र से आगामी 15 दिन में बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। राइजिंग राजस्थान-2024 में किए 86 हजार 210 करोड़ के 123 एमओयू में से 29.15 करोड़ की 8 इकाइयों पर काम शुरू हो चुका है। इनमें पालोदा के हिम्मत सिंह का गढ़ा में 6 करोड़ से क्वार्ट्ज मिनरल ग्राइंडिंग इकाई में उत्पादन शुरू हो चुका है। शहर से महज 9 किमी दूर कूपड़ा में 4 करोड़ से एडवांस फन वाटर पार्क और छोटी सरवा के बाखड़ी डिंडोर गांव में 2.65 करोड़ की एम-सेंड यूनिट इंस्टालेशन का काम पूरा हो चुका है। आगामी 15 दिन में इनका उद्घाटन होगा।
इसके अलावा पिपलवा इंडस्ट्रियल एरिया में 2 करोड़ की मार्बल एंड मैटल हैंडिक्राफ्ट इकाई, त्रिपुरा सुंदरी के पास चौबीसों का पाड़ला में 1.50 करोड़ की मार्बल कटिंग एंड पॉलिशिंग प्लांट, 3 करोड़ का मार्बल स्टोन ग्राइंडिंग प्लांट और 5 करोड़ का मार्बल ग्राइंडिंग प्लांट इंस्टालेशन का सिविल वर्क लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है। वहीं, उदयपुर रोड पर आरएसडब्ल्यूएम ईकाई के पास 5 करोड़ रुपए की सर्जिकल कॉटन इंडस्ट्री का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। इन आठों औद्योगिक इकाइयों में करीब 2 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
राइजिंग राजस्थान-2024 में सरकार ने बांसवाड़ा के लिए 1 लाख 23 हजार करोड़ के 158 एमओयू साइन किए थे। निवेशकों को जमीन ही नहीं मिलने के कारण 3 माह में ही 36,790 करोड़ के 35 प्रोजेक्ट रद्द हो चुके हैं। वे अन्य जिलों या राज्यों की ओर पलायन कर गए। वर्तमान में 86 हजार 210 करोड़ के 123 एमओयू ही बचे हैं। रद्द हेनेन वाले एमओयू में 3718 करोड़ की ट्रक टर्मिनस की चार बड़ी यूनिटें सहित 100 करोड़ से लेकर 5000 करोड़ तक की 35 इकाइयां शामिल हैं।
निवेशकों लाने के लिए दानपुर की 1301 हेक्टेयर जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा सकता है। इससे निवेशक पलायन नहीं करेंगे, लेकिन यह फैसला सरकार पर निर्भर करता है। यह जमीन करीब 15 साल पहले थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार ने अधिग्रहित की थी। 10 साल पहले थर्मल पावर प्लांट रद्द होने के बाद से ही जमीन अनुपयोगी पड़ी है।
{ 50,000 करोड़ से 860 मेगावाट की एनएचपीसी हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी यूनिट। { 6,000 करोड़ से स्टॉक वेल सोलर सर्विस प्रा. लि. का सोलर पावर जनरेटिंग सिस्टम। { 5,000 करोड़ का लार्ज स्केल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम। { 500 करोड़ का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट। { 600 करोड़ की एविएशन बायो फ्यूल इंडस्ट्री। { 2,500 करोड़ का डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक।
