महिलाओं ने कहा- लॉकडाउन में घर चलाना मुश्किल, रोजगार दो
पालोदा में नाराज महिलाएं पंचायत पर तालाबंदी करने पहुंचीं
गनोड़ामनरेगा में रोजगार की मांग को लेकर मंगलवार को पालोदा ग्राम पंचायत में महिलाओं ने काफी हंगामा किया। दोपहर एक बजे बड़ी संख्या में महिलाएं ग्राम पंचायत के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर पहुंची। राजीव गांधी सेवा केंद्र पर पहुंचकर इन महिलाओं ने अपना गुस्सा निकालते हुए काफी हंगामा किया। महिलाओं ने वहां पर कार्यरत कर्मचारियों पंकज यादव, प्रकाश चन्द्र, दिनेश पंचोली से कहा कि आप लोग बाहर निकले क्योंकि हमें पंचायत पर ताला लगाना है। महिलाओं का यह आक्रोश इसलिए था क्योंकि मनरेगा के अंतर्गत रोजगार गारंटी में उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं हो रहा है। जिसके चलते इन महिलाओं ने मंगलवार को ग्राम पंचायत भवन जाकर नाराजगी जताई। महिलाओं ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि कोरोना के चलते गांव के कई घरों में आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। गांव में कई लोग ऐसे हैं जिनको दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता है। महिलाओं ने कहा कि उनके पति या तो कहीं किसी सेठ के पास नौकरी करते हैं या फिर छोटा-मोटा धंधा चलाते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से पिछले डेढ़ से 2 महीनों से घर में आमदनी का कोई भी सहारा नहीं है जिसके चलते भूखे मरने की नौबत आ गई है। महिलाओं ने मेटों पर मस्टररोल के एवज में रुपए मांगने का आरोप लगाया। कहा जाता है कि ग्राम पंचायत में पैसे देने पड़ते हैं, इस वजह से वह लोग पैसे ले रहे हैं। इस पर सरपंच व उप सरपंच राजेंद्र ने महिलाओं को आश्वस्त किया गया कि यदि कोई भी मेट पंचायत के नाम से पैसे मांगे तो उन्हें पैसे नहीं दें तथा उसकी शिकायत ग्राम पंचायत में करें।
सरपंच ने बीडीओ से बात कर रोजगार देने को कहा
सरपंच शंकरलाल खराड़ी और उप सरपंच राजेंद्र पंचाल ने महिलाओं को कहा कि कोरोना की वजह से पालोदा ग्राम पंचायत में ही नहीं बल्कि सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम अभी बंद हैं। सरपंच के द्वारा गढ़ी पंचायत समिति के विकास अधिकारी विक्रम सिंह से भी बात की गई। विकास अधिकारी ने भी बताया कि कोरोना के कारण राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एक साथ मनरेगा में ज्यादा संख्या में लोगों को रोजगार नहीं दिया जा सकता। न्यूनतम 10 तथा अधिकतम 20 लोगों को ही एक साथ काम करने की अनुमति मिल सकती है। जल्द ही गाइडलाइन के अनुसार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।