मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े तो जुलाई में 6,445 रोगियों की 96,505 जांचें हुईं, रिपोर्ट के लिए मरीज कर रहे इंतजार

बांसवाड़ा महात्मा गांधी जिला अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के कारण मरीजों की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी हुई है। ऐसे अस्पताल की सेंट्रल लैब में जांच के लिए आने वाले सैंपल्स की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन इनकी जांच करने वाले कर्मचारियों की संख्या में लंबे समय से बढ़ोतरी नहीं हुई है। नतीजा-रिपोर्ट के लिए मरीजों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं।
रिपोर्ट में देरी होने से इलाज की रफ्तार भी धीमी हुई है। आरएमएससीएल की सरकारी वेबसाइट के अनुसार जुलाई में कुल 6,445 मरीजों की 96,505 जांचें हुईं। बड़ी बात है कि ये जांचें 10 लोगों ने की हैं। लैब में माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री सहित करीब 83 प्रकार की निशुल्क जांचें होती हैं। 24 घंटे चलने वाली लैब के लिए कम से कम 37 लोग चाहिए। सैंट्रल लैब में फिलहाल 10 का स्टाफ है, इनमें भी 2 संविदाकर्मी हैं। 2 बजे के बाद लैब एक ही कर्मचारी के हवाले हो जाती है। बांसवाड़ा. लैब के बाहर रिपोर्ट लेने वालों की लगी भीड़। लैब में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण इमरजेंसी होने पर भी छुट्टी नहीं मिल पाती।
काम का लोड भी अधिक रहता है। इन दिनों मौसमी बीमारियों के कारण जांच के लिए सैंपल्स की संख्या अधिक रहती है। इनकी जांच में भी समय लगता है। ऐसे में रिपोर्ट मिलने में देरी होने से आए दिन मरीजों और परिजनों से तू-तू मैं-मैं हो जाती है। अधिकारियों को बताने के बाद भी स्टाफ में बढ़ोतरी हो रही है। मरीजों और परिजनों ने बताया कि अस्पताल में ओपीडी का समय 2 बजे तक है और सेंट्रल लैब से रिपोर्ट मिलने का समय 2 बजे बाद का निर्धारित किया हुआ है। रिपोर्ट 3 बजे तक मिलती है। इमरजेंसी में एक डॉक्टर बैठता है।
यहां मरीजों की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में रिपोर्ट दिखाने के लिए दूसरे दिन आना पड़ता है। तब कहीं जाकर सही इलाज शुरू हो पाता है। पद संख्या 1. टेक्निकल सहायक 1 2. सीनियर लैब टेक्नीशियन 1 3. लैब टेक्नीशियन 3 4. लैब टेक्नीशियन 1 (संविदाकर्मी) 5. लैब सहायक 3 6. लैब सहायक 1 (संविदाकर्मी) कुल पद 10