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अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाने के लिए बस से आंध्रप्रदेश ले जाते, ट्रेनिंग सेंटर की रजिस्ट्रार ने राजस्थान नर्सिंग कौंसिल से नहीं ले रखी थी मान्यता

Banswara
अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाने के लिए बस से आंध्रप्रदेश ले जाते, ट्रेनिंग सेंटर की रजिस्ट्रार ने राजस्थान नर्सिंग कौंसिल से नहीं ले रखी थी मान्यता
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा बिना मान्यता के माही एएनएम ट्रेनिंग सेंटर चलाने और फिर अभ्यर्थियों को आंध्रप्रदेश से फर्जी डिग्रियां दिलवाने का खुलासा हुआ है। आनंदपुरी पुलिस ने परतापुर में संचालित इस ट्रेनिंग सेंटर के संचालक डूंगरपुर के निठाउवा थाना क्षेत्र के रिछा निवासी नरेंद्र पंड्या को गिरफ्तार किया है। इसी सेंटर से फर्जी डिग्री प्राप्त करने वाली अंजना सिंगाड़ा को पूर्व में ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। यह एएनएम ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से बिना मान्यता के ही संचालित किया जा रहा था।

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2021-22 में बस भरकर अभ्यर्थियों को आंध्रप्रदेश परीक्षा दिलवाने ले गए थे और बाद में उन्हें डिग्रियां दिलवाई थी। ऐसे में आशंका है कि सेंटर के जरिये कई युवतियों को फर्जी डिग्रियां दिलवाई हैं। फिलहाल पुलिस इसकी जांच में जुटी है। इस संबंध में आनंदपुरी के भुखिया की सीता पत्नी कांतिलाल सिंघाड़ा ने इस संबंध में आनंदपुरी जेएम कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया कि भुखिया स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता का पद रिक्त होने से वर्ष 2021-22 में भर्ती निकली थी, जिसकी भर्ती बाल विकास परियोजना कार्यालय आनंदपुरी की ओर से आयोजित की गई थी। इस भर्ती में प्रार्थीया सीता, अप्रार्थी अंजना और अन्य ने आवेदन किया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए अंजना का चयन हुआ।

ट्रेनिंग और डिग्री के लिए 70 हजार रुपए दिए अंजना ने आंधप्रदेश राज्य से जारी एएनएम की फर्जी डिग्री का प्रयोग कर नियुक्ति प्राप्त की थी। इस पर आनंदपुरी पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। अंजना की फर्जी डिग्री के खुलासे पर जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने यह डिग्री पूर्व में परतापुर कस्बे में संचालित माही एएनएम ट्रेनिंग सेंटर से हासिल की थी। उसने सेंटर एडमिशन ट्रेनिंग ली थी। सेंटर को नरेन्द्र पंड्या और चिराग पंचाल संचालित करते थे। सेंटर संचालकों ने अंजना को आंधप्रदेश में परीक्षा दिलवाकर हेल्थ वर्कर की डिग्री उपलब्ध कराई थी। ट्रेनिंग और डिग्री के लिए 70 हजार रुपए नरेंद्र पंड्या को देना कबूला। इस पर पुलिस ने इस ट्रेनिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन के संबंध में रजिस्ट्रार राजस्थान नर्सिंग कौंसिल से जानकारी ली तो सेंटर बिना मान्यता के संचालित होना पाया गया।

इसके बाद पुलिस ने नरेंद्र पंड्या को डिटेन कर पूछताछ की तो अंजना से 45 हजार रुपए लेकर ट्रेनिंग करवाना और डिग्री दिलवाना कबूल लिया। इस पर पुलिस ने नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर हुई भर्ती ग्रेडिंग के आधार पर हुई थी। इसमें अंजना के सर्वाधिक 11 अंक और सीता के 8 अंक आए थे।

थानाधिकारी कपिल पाटीदार ने बताया कि इस भर्ती में विशेष योग्यता के तौर पर अंजना ने एएनएन की डिग्री प्रस्तुत की थी। अंजना को इस डिग्री के लिए 3 अंक अतिरिक्त मिले, इससे अंजना के 11 अंक हो गये। यदि अंजना के यह 3 अंक नहीं जुड़ते तो अंजना के प्रार्थीया के बराबर 8 अंक होते। इस पर प्रार्थीया को उम्र का फायदा मिलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर प्रार्थीया सीता की नियुक्ति हो जाती।

जांच के लिए आंध्रप्रदेश में पुलिस टीम भेजकर ज्वॉइंट डायरेक्टर, कमिश्‍नर ऑफ हेल्थ एंड फेमिली वेलफेयर अमरावती (आंध्रप्रदेश) से अंजना की एएनएम (हेल्थ वर्कर) की डिग्री का सत्यापन करवाया। जांच में अंजना की डिग्री (हेल्थ वर्कर डीग्री) फर्जी होना पाया। इस पर एक महीने पहले अंजना को गिरफ्तार किया था।

कई युवतियों को फंसाकर फर्जी डिग्रियां देने की आशंका बस भरकर अभ्यर्थियों को आंध्रप्रदेश परीक्षा दिलवाने ले गए आरोपी नरेंद्र पंड्या और अंजना से शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वर्ष 201-22 में बस भरकर युवतियों को परीक्षा दिलवाने के लिए आंध्रप्रदेश ले गए थे। ऐसे में आशंका है कि कई युवतियों को झांसे में लेकर ट्रेनिंग और परीक्षा दिलवाकर फर्जी डिग्रियां उपलब्ध करवाई है। प्रकरण में सेंटर का दूसरा संचालक चिराग पंचाल की पूर्व में ही मौत हो जाना बताया जा रहा है।फिलहाल पुलिस इस मामले में अन्य की संलिप्तता की जांच में जुटी है। गिरफ्तार संचालक।

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