हमें ऐसी तकनीक बनानी चाहिए जो डेटा एनालिसिस व डीएनए विश्लेषण को पहले से संभव बना एके : खनक
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बांसवाड़ा| हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए में 7-9 फरवरी को आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए खनक उपाध्याय ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किए। खनक ने कहा, आज की पीढ़ी को 50 के दशक के बाद अपनी वास्तविक उम्र का एहसास होता है। हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए, जो डेटा एनालिसिस और डीएनए विश्लेषण के माध्यम से इस पहचान को पहले से संभव बना सके। उन्होंने वास्तविक विश्व समस्याओं से जुड़े केस स्टडीज का विश्लेषण किया और समाधान प्रस्तुत किए।
उन्होंने स्थानीय विरोध प्रदर्शनों में भाग लेकर वहां के नागरिकों से चर्चा की। भारत और अमेरिका के हालिया व्यापार समझौतों पर चर्चा करते हुए खनक ने कहा कि 2030 तक 500 बिलियन के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना भारत के आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा अवसर है। कई प्रमुख वक्ताओं को सुना, जिनमें रॉबर्ट वेल्डिंग भी शामिल थे। वाल्डिंगर, जो विश्व के सबसे लंबे 86 वर्षों से चल रहे अध्ययन एडल्ट डिवेलपमेंट के प्रमुख हैं, ने बताया कि जिन लोगों के रिश्ते 50 वर्ष की उम्र में संतोषजनक होते हैं, वे 80 की उम्र में अधिक स्वस्थ रहते हैं।
वहीं, ट्विटर इंडिया के पूर्व सीईओ महेश महेश्वरी ने एआई विकास को जिम्मेदारी और विनम्रता के साथ अपनाने पर जोर दिया। नोबेल पुरस्कार विजेता ओलिवर हार्ट ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी और अनुबंधों की सीमाओं पर चर्चा की, जबकि डूसान रोबोटिक्स के एलेक्स ली ने बताया कि एआई और रोबोटिक्स का भविष्य मानव-शक्ति से प्रेरित रोबोटों की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सम्मेलन में उनकी भागीदारी और विचारों ने भारतीय दृष्टिकोण को विश्व मंच पर प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया, इससे वैश्विक नीति-निर्माण में नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त हुआ।