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समझौते के दो माह बाद भी मांगें नहीं मानी, वीडीओ कल से पट्टा वितरण अभियान का करेंगे बहिष्कार

Banswara
समझौते के दो माह बाद भी मांगें नहीं मानी, वीडीओ कल से पट्टा वितरण अभियान का करेंगे बहिष्कार
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जिला कैडर परिवर्तन और नए पद सृजित करने की हैं प्रमुख मांगें, सीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ ने बुधवार को जिलाध्यक्ष भरत पटोत के नेतृत्व मंे मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर अंकितकुमारसिंह को ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय समझौते के सभी मांगों को पूरी करने की मांग की है। संघ ने मांगों का आगामी तीन में जल्द निस्तारण नहीं करने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। सीएम के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में वीडीओ ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में आंदोलनरत राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ के मांग पत्र के आठ बिंदुओं पर पूर्ण सहमति व्यक्त करते हुए कुछ मांगों की पत्रावली उसी समय सीएम से अनुमोदित भी करवा दी थी और शेष मांगों पर हुई सहमति के अनुसार शीघ्र ही आदेश जारी करने का पूर्ण आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक एक भी मांग पर सकारात्मक आदेश जारी नहीं किया गया। यह संगठन व संवर्ग का विशवास तोड़ना है। इससे प्रदेश के सभी ग्राम विकास अधिकारियों मंे आक्रोश है। संघ ने जिला कैडर परिवर्तन के लिए एक बारीय शिथिलन की फाइन उसी दिन 1 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से अनुमोदित हो गई थी, लेकिन 10 नवंबर तक विभाग ने पत्रावली पर सीएम के अनुमोदन के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद विरोध दर्ज करावाया तो 11 नवंबर को विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर यूओ नोट भेजते हुए आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में ट्रांसफर पॉलिसी के अनुमोदन के स्पष्ट निर्देश दिए गए। 11 नवंबर के बाद 7 दिसंबर के बीच मंे मंत्रिमंडल की तीसरी बैठक हो गई, लेकिन अब तक पत्रावली अनुमोदन की स्थिति में नहीं है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि विभाग सीएमओ में हुए समझौते व निर्देशों के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं है। दूसरी पत्रावली सहायक विकास अधािकारी के विलाेपित किए गए 106 पद पुन: सृजित करने, सहायक विकास अधिकारी के 1:4 में 565 नए पद सृजित कर कुल 671 पद करने के समझौते के बावजूद विभाग लगभग दो माह से फाइल आगे नहीं चला रहा। 10 नवंबर को सीएमओ में वार्ता मंे गंभीरता दिखाते हुए पत्रावली को सात दिन में निर्णय करवाने के निर्देश दिए, 25 नवंबर को विभाग के अतिरिक्त आयुक्त व संयुक्त शासन सचिव के यहां से डिस्पेच नंबर 1149 से रवाना हुई, लेकिन दुर्भाग्य है कि यह पत्रावली निदेशक के पास पहुंचने से पहले ही खो गई। जो अब तक तक नहीं मिल रही। समझौते की शेष मांगों पर भी दो माह 8 दिन गुजर जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आहत होकर संगठन ने अपने संवर्ग हितों की सुरक्षा के लिए फिर से संघर्ष करने का निर्णय किया है। इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग और सरकार की रहेगी।
यह रहेगा आंदोलन की रूपरेखा : प्रथम चरण में 8 दिसंबर को संपूर्ण प्रदेश में ब्लॉक व जिला स्तर पर सरकार के महत्वपूर्ण पट्‌टा वितरण कार्य में पूर्ण असहयोग का ज्ञापन दिया गया। दूसरे चरण में 10 दिसंबर को संपूर्ण प्रदेश में पट्‌टा वितरण कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा। प्रदेश का एक भी ग्राम विकास अधिकारी पट्‌टे से संबंधित ना शिविर मंे काम करेगा और ना ही फॉलोअप शिविर में किसी प्रकार की पट्‌टा वितरण संबंधी सूचना भेजेगा।

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