एक करोड़ खर्च कर शहरवासियों के लिए बनाया उपाध्याय पार्क, फिर हुआ बदहाल
1 करोड़ रुपए के भारी बजट से जीर्णोद्धार कर शहरवासियों के लिए खोला गया गौरीशंकर उपाध्याय पार्क एक बार फिर बदहाली का शिकार हो रहा है। पार्क में झूले टूट चुके हैं तो ओपन जीम की मशीनें जाम हो चुकी है। फव्वारे महज शो-पिस बने हुए हैं। कृत्रिम वन्यजीवों के स्टेच्यू पर से रंग उखड़ने लगा है। यह स्थिति तब है जब पार्क में आने वाले सैलानियों से 5 रुपए शुल्क वसूला जा रहा है।
ऐसे में शहर के बीच पिकनिक मनाने और मौज-मस्ती की उम्मीद में आने वाले सैलानी पार्क की गंदी छवि लेकर लौट रहे हैं। खासकर बच्चों को लेकर पार्क आने वाले अभिभावकों को फिसल पट्टी और झूले टूटे होने से काफी निराश होना पड़ रहा है। ^झूलों को ठीक करवाएंगे, कर्मचारियों को सफाई के लिए पाबंद करेंगे निश्चित रूप से यह शहर के बीच सबसे बड़ा पार्क है। यह शहर की सौंदर्यता बढ़ाता है। ऐसे में पार्क में अगर झूले और फिसल पट्टियां टूट गई है तो जल्द ही उन्हें ठीक करवाया जाएगा। कर्मचारियों को पार्क के नियमित रखरखाव करने और सफाई को लेकर पाबंद किया जाएगा। -सुहैल खान, नगर परिषद, आयुक्त चार साल पहले तत्कालीन सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने इस पार्क को विकसित करवाया था। तब महिला दिवस पर बड़ा आयोजन कर इसे शहरवासियों के लिए खोला गया था लेकिन सार-संभाल के अभाव में पार्क एक बार फिर बदहाल होता नजर आ रहा है। जबकि 1 करोड़ खर्च कर इसमें शहीद स्मारक बनाया गया।
पार्क में आर्टिफिशियल पशु पक्षी, घास, ब्लॉक, फाउंटेन, म्यूजिकल लाइटिंग और स्पीकर सहित कई प्रकार की सुविधाएं शुरू की थी। इसके अलावा पार्क में झूले, फूड कोर्ट और ओपन जीम भी बनाया गया। युवाओं में सेल्फी का क्रेज देखते हुए पार्क में कुछ जगह सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए। टूटा झूला। टूटी फिसलपट्टी।