सिलेंडर में 2 किलो गैस कम, उपभोक्ताओं ने किया हंगामा, तौलने वाला कांटा भी खराब
एक तरफ गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते जा रहा हैं, वहीं व्यापारी भी उपभोक्ताओं को टंकी में गैस कम देकर घपला करने में जुटे हैं। खास बात यह भी है कि गैस सिलेंडर सप्लाई करने वालों के पास कांटा तक नहीं मिलता है। 843 रुपए तक दाम पहुंच गए हैं। बुधवार को भी खेल मैदान में सागर गैस एजेंसी अपनी गाड़ी से उपभोक्ताओं को सिलेंडर सप्लाई कर रही थे, जिसमें किसी सिलेंडर में 2 किलो तो किसी में 1 किलो गैस कम मिली, खास बात यह रही की गाड़ी वाले के पास तौलने वाला कांटा भी खराब था, जिसके बाद एक उपभोक्ता दूध डेयरी के यहां लेकर पहुंचा और सिलेंडर का तौल किया तो 2.50 किलो गैस कम मिली। जबकि सिलेंडर सील था। जिसके बाद उसने हंगामा कर दिया। उसके बाद दूसरा कांटा लगाकर अन्य सिलेंडर भी तौले तो उसमें भी कई सिलेंडरों में कम गैस मिली। उपभोक्ताओं ने बताया कि यह हर बार ऐसा हो रहा है, जब घरों में सप्लाई करते हैं तो लोग 1-2 किलो के लिए कुछ बोलते नहीं हैं।
घर पर पहुंचा सिलेंडर ताे 843 रुपए की जगह पर 850 रुपए लेते हैं: गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाले जब आपके घर में सिलेंडर पहुंचाते हैं, तो जहां 843 रुपए लेने चाहिए, वहीं खुले नहीं होने का कहकर 850 रुपए तक वसूलते हैं। इसको लेकर कई बार शिकायत भी हो चुकी है। उसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गैस सिलेंडर पर वजन लिखा 29.9 किलो, तोला तो 27.79 किलो का ही निकला
843 रुपए के हिसाब से सिलेंडर में एक किलो गैस की रेट 60 रुपए है। इस तरह से हर सिलेंडर से 2 किलो गैस में दे रहे हैं तो 120 रुपए का नुकसान सीधा उपभोक्ताओं को हो रहा है। जिले में करीब 3 लाख गैस कनेक्शन हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तरह से 3 करोड़ 60 लाख का सीधे तौर पर घपला होता है। इसको लेकर कंपनी की ओर से भी कोई जांच नहीं होती है। शहर में करीब 97 हजार हैं। गांवों में भी कम गैस देने को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। उसके बाद भी कोई कार्रवाई या जांच तक नहीं हो पाती है। जहां ग्रामीण इलाकों में वजन को लेकर भी कोई जानकारी भी नहीं रहती है। शहर में फिर भी जागरुक लोग होने के चलते तौल लेते हैं।
नियम: इलेक्ट्रॉनिक कांटा हाेना जरूरी
अगर कोई सिलेंडर सप्लाई कर रहा है तो उसके पास इलेक्ट्रॉनिक कांटा होना जरूरी है, ताकि सिलेंडर तोलकर दिया जा सके। गैस सप्लाई करने वालों के पास लीकेज चैक करने के लिए भी मशीन होनी जरूरी है। उसके अलावा गाड़ी पर रेट लिस्ट लगी होनी चाहिए।
हमारे पास शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे
कई बार लोडिंग की वजह से पिन टूट जाती है तो गैस का रिसाव होता रहता है। हमारे पास तो किसी की शिकायत नहीं आई है। अगर आई होती तो हम जांच करते हैं। -बूराहन, मैनेजर, सागर गैस ऐजेंसी
शिकायत की तो नया सिलेंडर दिया: शंकरसिंह
मेरी चाय की दुकान है। मैं पहले भी कई बार लेकर सिलेंडर लेकर गया, जिसमें भी 2 से 3 किलो गैस कम दी। मैंने शिकायत की तो फिर बदलकर सिलेंडर दिया। इस बार भी मुझे सिलेंडर दिया, उसमें भी 2 किलो गैस कम है। मैंने शिकायत करने का कहा तो माफी भी मांगी थी। इनके पास तो कांटा भी खराब है। -शंकर सिंह, शिकायतकर्ता
अगर गैस कम दे रहे हैं तो गलत है। मेरे सामने तो यह पहला मामला है। एजेंसी पर कार्रवाई होगी। कोई उपभोक्ता भी शिकायत करता है तो भी कार्रवाई करते हैं। -लखमीराम मीणा, सल्समैन, भारत गैस कंपनी
बांसवाड़ा. कॉलेज के सामने खेल मैदान में भारत गैस एजेंसी द्वारा सिलेंडर दिए, जिसमें वजन 27 किलाे 795 ग्राम निकला। जबकि 29.9 किलो हाना चाहिए था। (इनसेट) सिलेंडर वजन करने का बंद काटा दिखाता कर्मचारी।