11 साल में 26 हजार प्रसव, गुजरात से भी आती हैं गर्भवती महिलाएं, 24 घंटे सुविधा
वागड़ में प्रसव से लेकर अन्य बीमारियों को लेकर कई मरीज इलाज के लिए गुजरात जाते हैं, लेकिन बांसवाड़ा जिले का एक स्वास्थ्य केंद्र ऐसा है, जहां गुजरात से महिलाएं प्रसव कराने आती हैं। क्योंकि यहां ऐसी महिलाओं की भी नॉर्मल डिलीवरी कराई है, िजनका पहले सीजेरियन हुआ है। ये कर दिखाया है सल्लोपाट सीएचसी के डॉक्टर दंपती डॉ. भगत सिंह तंबोलिया और डॉ. रागिनी तंबोलिया ने। उन्होंने पिछले 11 साल में यहां 26 हजार से ज्यादा प्रसव कराए हैं।
यह प्रदेश की एक मात्र ऐसी सीएचसी है, जहां इतने ज्यादा प्रसव हुए हैं। यह सीएचसी राजस्थान और गुजरात की सीमा पर है। डॉ. भगत सिंह तंबोलिया और डॉ. रागिनी तंबोलिया रात को भी अस्पताल परिसर में ही रहते हैं। यानी अस्पताल आने वाले हर मरीज को 24 घंटे सुविधा मिलती है। डॉ. तंबोलिया ने बताया कि वर्तमान में सीएचसी पर रोजाना 6 से 8 और महीने में 200 से 250 डिलीवरी होती हैं। इनमें 70 से 80 डिलीवरी गुजरात और अन्य ब्लॉक से आए मरीजों की हैं। इनमें 99 फीसदी डिलीवरी नॉर्मल करवाई जाती है। 26 हजार से अधिक डिलीवरी में 700 से 800 प्रसव ऐसे हैं, जो पहले सीजेरियन और दूसरी बार में उनकी नॉर्मल डिलीवरी करवाई। सही काउंसलिंग और सेफ डिलीवरी से पेशेंट में विश्वास बन जाता है। हॉस्पीटल के माहौल को देखकर अधिकांश महिलाएं डिलीवरी के लिए आती हैं। इसके अलावा गर्भवतियों को पहले महीने से ही रिपोर्ट कार्ड के आधार पर एएनसी से समय-समय पर जरुरी विटामिंस आदि दिलवाते हैं। ऐसे में डिलीवरी से पहले ही रिपोर्ट कार्ड के आधार ब्लड की कमी से लेकर अन्य कमियों को सही कर लिया जाता है और 99 फीसदी डिलीवरी नॉर्मल होती हैं।
यही कारण है कि स्टाफ मैंबर्स की डिलीवरी भी यहीं होती है। दूसरी जगह डॉक्टर्स किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते। ऐसे में ब्लड की कमी, बीपी की समस्या या अधिक वेट होने के केस में सीजेरियन की ही सलाह देते हैं। { गांगड़तलाई की मंजुला का पहला प्रसव सीजेरियन हुआ और दूसरी बार में सल्लोपाट अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी में बेटे को जन्म दिया।
{ मालोद गुजरात की शर्मिला, जिसको गुजरात के निजी और सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने सीजेरियन से प्रसव कराने का कहा था। लेकिन वह सल्लोपाट आए और नॉर्मल डिलीवरी हुई। 12 साल से तैनात डॉक्टर दंपती के कारण वर्ष 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर क्वालिटी एश्योरेंस में राजस्थान की पहले मॉडल स्वास्थ्य केंद्र का िखताब मिला। बासनीआड़ा, सेनावासा और बजवाना को भी यह पुरस्कार मिल चुका है। मरीजों की जांच करते डॉक्टर।