आज सुबह 24 अगस्त को ६ गेट बंद किये, कल 23 अगस्त को ही खोले थे माही बांध के सभी 16 गेट

2020 के बाद इस बार भी
{दानपुर और भूंगड़ा में साढ़े तीन इंच बारिश
{ मानसून का 98.94% कोटा पूरा, 877.50 के मुकाबले 868.28 एमएम औसत बरसात
{14 साल में 5 बार औसत से ज्यादा बारिश
बूनान व तेलनी नदी से आया बांध में 70% पानी
बांसवाड़ा. माही के 16 कलश (गेट) मंगलवार सुबह 8 बजे खोले गए तो ऐसे छलके, जैसे समुद्र ने अपनी बाहें फैला दी हों। आज पानी पर दूध जैसा रंग चढ़ा था। एक तरफ ऊंची उठती माही की लहरें उफान पर थी तो दूसरी तरफ जन समुद्र। इन माही की फुंहारों में भीगने और उसे देखने इतना बेताब था कि वाहनों को 2 किमी दूर ही खड़ा करना पड़ा। माही के कलश से निकलते अमृत से आज बांसवाड़ा के चेहरे की रंगत गजब की थी। पानी की लहरें हर गांव तक खुशियां बहाकर ले जाने के लिए उतावली थी। माही की गाेद भराई में खांदू, बूनान व तेलनी आदि नदियों का योगदान रहा। यहां से 70% पानी आया। इसलिए माही ने अपनी 16 कलाओं से खुशियां सभी में बांटी। 50 हजार क्यूसेक पानी गुजरात के कडाणा बांध के लिए छोड़ा है। माही बांध के अधिशासी अभियंता प्रकाशचंद्र रेगर कहते हैं, माही बांध क्षेत्र में 57.6 एमएम और मध्यप्रदेश के बाजना क्षेत्र में 91 एमएम बारिश हुई। जिससे माही बांध छलक उठा। बांध में पानी की आवक 3237.41 क्यूमेक की दर से जारी रही और पानी का एवरेज इनफ्लो 520.02 क्यूमेक रहा।
हर साल 47.50 टीएमसी पानी छोड़ रहे, रोकें तो 2.40 लाख हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो
दीपक दोसी
राजस्थान नदी बेसिन प्राधिकरण के एक्सपर्ट मेंबर
हर साल माही बांध से 47.50 टीएमसी पानी गेट खोलकर व्यर्थ छोड़ा जा रहा है। जो 40 टीएमसी के अलावा बहकर गुजरात चला जाता है। अगर इसे ही रोक लिया जाए तो 2.40 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकती है और 25 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकता है। वर्तमान में माही बांध पर पानी की कुल आवक 1 लाख 56 हजार 300 क्यूसेक हुई है। कुछ ही माह में रबी सीजन में करीब 80 हजार हैक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होगी।
47.50 टीएमसी से बना सकते हैं 25 करोड़ यूनिट बिजली
माही बांध से गेट खोलकर औसत 47.50 टीएमसी पानी छोड़ते हैं। अगर कैनाल बनाकर इसका उपयोग करें तो जिले में करीब 2.40 लाख हैक्टेयर सिंचाई हो सकती है। वहीं माही बांध से हर साल छोड़े जाने वाले पानी से पीएच-2 से करीब 25 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन की जा सकती है।
38 सालों में 12 बार पूरा भरा डेम: माही बांध वर्ष 1982 से लेकर 2020 तक 38 वर्षों में सिर्फ 12 बार ही कुल जलभराव क्षमता 281.50 मीटर तक भरा है। यानी 9 वर्षों में माही बांध में 100 टीएमसी से अधिक पानी की आवक रही है। वहीं माही बांध निर्माण से लेकर अब तक साल 2006 में सबसे ज्यादा 198.4156 टीएमसी पानी छोड़ा गया।
कंटेंट : प्रशांत जोशी
