इस बार बैठक गरबे; मंदिरों में सिर्फ दर्शन, आरती और प्रसाद चढ़ाने की छूट
नवरात्र 7 अक्टूबर से
गुजरात, एमपी में 200 लोगों के गरबों की छूट, लेकिन राजस्थान में अभी गाइडलाइन का इंतजार, इसलिए...
नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरू होंगे। लेकिन अभी तक गरबों को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। हालांकि गरबों और पांडालों को छोड़ अन्य आयोजनों की छूट है। यानी मंदिरों को सजा सकेंगे, दिन-रात पूजा हो सकेगी और मां को पुष्प, चुनर, प्रसाद अर्पित किए जा सकेंगे। इधर, गरबा मंडल इस बार ऑनलाइन गरबों का आयोजन की तैयारी कर रहे हैं।
पड़ोसी राज्य गुजरात के अहमदाबाद व दाहोद शहर में सोसायटी और मोहल्लों के स्तर पर गरबाें में 200 लोगों की अनुमति दी है, लेकिन गरबों का कार्यक्रम व्यावसायिक रूप से नहीं होगा। मध्यप्रदेश अौर उत्तरप्रदेश में भी गरबा कार्यक्रम में कुछ नियमों को लागू करते हुए छूट दी है।
8 बड़े गरबा मंडल गरबों के आयोजन के लिए तैयार, लेकिन सरकार के निर्देश नहीं होने पर बैठक गरबे का फैसला लिया
खांदू कॉलोनी में होने वाले गरबा कार्यक्रम को लेकर बजरंग गरबा मंडल के अध्यक्ष प्रकाश पंवार ने बताया कि 200 लोगों की मौजूदगी में गरबे कराएंगे।
वड़नगरा नागर मंडल के अध्यक्ष यतीश नागर ने बताया कि गरबा करने के लिए सरकार की नई गाइड लाइन का इंतजार है। बैठक गरबे होंगे।
मोची समाज खोडियार माता गरबा मंडल के अध्यक्ष दीपक राठौड़ ने बताया कि मंदिर चौक में बैठक गरबे और आरती का आयोजन हर दिन किया जाएगा।
राजभोई माली समाज के अध्यक्ष रायचंद भोई ने बताया कि सिर्फ मंदिर पर सजावट करेंगे और मंदिर के अंदर ही बैठक गरबे सीमित संख्या में गाएंगे।
दशामाता मंदिर धाम अगरपुरा की गादिमाता राजूबेन प्रजापत ने बताया कि मंदिर पर सजावट-पूजा अर्चना होगी, लेकिन बैठक गरबे ही किए जाएंगे।
श्रीपंच जड़िया श्रीमाल समाज के अध्यक्ष नरेश श्रीमाल ने बताया कि स्वीकृति नहीं मिली तो बैठक गरबे होंगेे। पांच से लेकर 11 गरबे गाए जाएंगे।
कालिका माता मंदिर गरबा मंडल के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह ने बताया कि 25 सदस्य रोजाना बैठक गरबे के तहत पांच गरबे गाएंगे और आरती करेंगे।
कंसारा समाज के अध्यक्ष प्रवीण कंसारा ने बताया कि कंसारा चौक में 40 वर्षों से गरबा कार्यक्रम होते आए हैं। एसडीएम और कोतवाल से मिलेंगे।
गृह विभाग की अंतिम गाइड लाइन की पालना होगी
कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि गृह विभाग की अंतिम गाइड लाइन में धार्मिक आयोजन नहीं करने के निर्देश थे। नई गाइड लाइन आने पर उसकी पालना करवाई जाएगी।