मार्कशीट पर सीरियल नंबर, खिलाड़ियों के बोनस अंक और हल्का गुलाबी रंग नहीं था, फिर भी 35 छात्रों को जीएनएम में दे दिया प्रवेश
जीएनएम काेर्स में दाखिले के लिए छात्रों की तरफ से लगाई गई 12वीं साइंस की डिग्री की जांच में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई। चयन समिति के लोगों ने अगर डिग्री की जांच की होती तो आसानी से असली और फर्जी डिग्री का पता लगाया जा सकता था।
दैनिक भास्कर ने मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की असली और फर्जी डिग्री लेकर पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पहला-बोर्ड की असली डिग्री में ऊपर ही मार्कशीट का सीरियल नंबर दर्ज है। जबकि फर्जी डिग्री में सीरियल नंबर शब्द का जिक्र नहीं है। दूसरा-असली डिग्री में नीचे ही नीचे राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने पर प्राप्त बोनस अंक का कॉलम भी है। जबकि फर्जी डिग्री में यह दर्ज नहीं है। तीसरा-माध्यमिक शिक्षा मंडल शब्द में शिक्षा शब्द उभरा हुआ है। चौथा-असली डिग्री में दाया भाग का बैकग्राउंड हल्के गुलाबी रंग का है। जबकि फर्जी डिग्री में यह रंग गहरा गुलाबी है। वहीं पिला रंग भी शामिल किया गया है। जो असली में नहीं होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर चयन समिति के लोग इन डिग्रियों को गौर से देखते तो इसे अासानी से पकड़ा जा सकता था।
मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल की असली और छात्रों द्वारा लगाई गई फर्जी मार्कशीट से समझिए पूरा फर्जीवाड़ा कैसे किया गया
~5-5 लाख में बिकते रहे हैं पेपर, क्राइम ब्रांच जांच करती रही, हुआ कुछ नहीं
एनटीटी भर्ती में 1350 में से 850 अभ्यर्थियों की फर्जी डिग्रियां भी मध्यप्रदेश यूनिवर्सिटी की थी
1. कनिष्ठ लेखाकार, तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2013
क्या हुआ : पेपर आउट, ब्लूटूथ से नकल के कई मामले सामने आए।
2. आरपीएससी एलडीसी भर्ती-2012
क्या हुआ : राजस्थान में ब्लूटूथ से सामूहिक नकल हुई।
3. सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती-2013
क्या हुआ : नकल गिरोह सक्रिय रहा। कई जिलों में सदस्य पकड़े।
4. आरएसएसबी की जेईएन डिग्री-2020
क्या हुआ : पेपर आउट हुआ।
5. जेल प्रहरी भर्ती-2016, लाइब्रेरियन भर्ती-2018
क्या हुआ : पेपर 5-5 लाख रुपए में बिके। क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी, लेकिन अभी तक नतीजा सामने नहीं अाया। लाइब्रेरियन भर्ती के पेपर लीक मामले के आरोपियों ने भी स्वीकारा था कि यूपी की एक यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा हासिल किया था, लेकिन परीक्षा कभी नहीं दी।
6. एनटीटी भर्ती।
क्या हुआ : 3 साल पहले निकली विभाग की इस भर्ती परीक्षा में 1350 में से 850 अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी पाई गई थी। यह सभी डिग्रियां मध्यप्रदेश की एसवी यूनिवर्सिटी की थी।
7. एसआई भर्ती-2016, सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती-2016
क्या हुआ : पेपर पहले से खुलने की शिकायतें आई।
8. आरएएस भर्ती 2013
क्या हुआ : प्रिटिंग प्रेस से ही पेपर आउट हो गए।
जिसमें गहरा गुलाबी रंग है। इसके अलावा ऊपर सीरियल नंबर नहीं हैं। इसके अलावा नीचे की ओर खिलाड़ियों के बोनस अंकों का कॉलम भी गायब है।
नर्सिंग कॉलेज छात्रों से घोषणा पत्र लेकर बच निकलता है इसी का फायदा उठाता है फर्जी डिग्री बनाने वाला गिरोह
जीएनएम के साढ़े तीन साल के काेर्स में प्रवेश के लिए साइंस बायाेलाेजी विषय में बारहवीं क्लास उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। अावेदन के बाद विभाग कट मार्क्स की सूची जारी करता है। जिसके अाधार पर वरियता क्रम से चयनित अभ्यार्थियाेें काे काउंसलिंग के लिए स्वास्थ्य भवन, जयपुर में काउंसलिंग के लिए बुलवाया जाता। इस दाैरान वहां अभ्यार्थियाें काे अपने सारे मूल दस्तावेज मय शपथ पत्र के साैंपने हाेते हैं। शपथ पत्र में लिखा हाेता कि भविष्य में सत्यापन की कार्रवाई के दाैरान इन दस्तावेजाें में से यदि काेई गलत पाया जाए ताे विभाग उसके खिलाई कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। इसके चिकित्सा विभाग की टीम इन दस्तावेजाें की जांच करती। सभी अावश्यक दस्तावेज संलग्न हाेने पर अभ्यार्थियाें काे उनकी पसंद के अनुसार रिक्त सीटाें वाले जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र का एडमिशन लेटर जारी कर देती है। अभ्यार्थी के दस्तावेज संबंधित जीएनएम सेंटर पर भिजवा दिए जाते है। वहां से कुछ समय बाद उन्हें सत्यापन के लिए संबंधित बाेर्ड काे भेजा जाते हैं।
हरियाणा : नकल विरोधी कानून ला रहे फर्जी डिग्री पर 7 साल की सजा का प्रावधान
पेपर लीक मामले के बाद हरियाणा सरकार नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। अभी तक नकल के मामलों में सामान्य आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होता है। यदि यह कानून बन जाता है तो न केवल पेपर लीक करने वाला माफिया, बल्कि पेपर लेने वाले से लेकर कमीशन चेयरमैन, सदस्य, एजेंसी या अन्य जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कम से कम 7 साल जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही इस कानून में गैरजमानती धाराएं शामिल करने की सिफारिश भी की गई है।
राजस्थान : राज्य में अभी कोई कानून नहीं, अभ्यर्थी जल्द कर सकते हैं आंदोलन
राजस्थान में भी फर्जी डिग्री और नकल गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए हरियाणा जैसे कानून की मांग हो रही है। राजस्थान बेराेजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि कानून की मांग को लेकर वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। इसको लेकर राज्य में जल्द ही आंदोलन भी किया जाएगा। फर्जी डिग्री लाने वाले और बेचने वाले, नकल कराने वाले और करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए। संबंधित बोर्ड और नियुक्ति एजेंसी के चेयरमैन के खिलाफ भी केस होना चाहिए।
जिसमें हल्का गुलाबी रंग होता है। इसके अलावा ऊपर सीरियल नंबर भी होते हैं। इसके अलावा नीचे की ओर खिलाड़ियों के बोनस अंकों का कॉलम भी है।