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नोतरे से आते ही आंबापुरा के युवक ने खा लिया जहर, कारण स्पष्ट नहीं, लेकिन विवाद की आशंका

Banswara
नोतरे से आते ही आंबापुरा के युवक ने खा लिया जहर, कारण स्पष्ट नहीं, लेकिन विवाद की आशंका
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बांसवाड़ा | एमजी अस्पताल के मेल वार्ड में स्ट्रैचर पर इस युवक काे रस्सियों से इसलिए बांध रखा है, ताकि उसकी जान बचाई जा सके। आंबापुरा के खांदू बारी गांव के रहने वाले पिंटू काे जहर पी लेने पर भर्ती कराया गया है। जहर का असर कम करने के लिए इसे एंट्राेफीन नाम का इंजेक्शन दिया है। एमडी फिजिशियन मयंक शर्मा बताते हैं कि यहां ज्यादातर आेर्गेनाेफास्फाेरस जहर पीने के मामले सामने आते हैं। एंट्राेफीन इंजेक्शन एंटीडोज हाेता है, लेकिन इसके असर से व्यक्ति अजीब हरकतें (साइकाेसिस) करने लगता है। यह खुद काे नुकसान नहीं पहुंचाए, इसलिए कई बार काबू में करने के लिए उसे मजबूती से पकड़कर रखना पड़ता है या फिर बांध भी दिया जाता है। एंटीडोज जहर के असर काे कम कर देता है। इसका असर 24 या फिर कई बार 48 घंटे तक भी रहता है। पिंटू की मां ने बताया कि वह नोतरे में गया था और आते ही जहर खा लिया। स्पष्ट तो नहीं है, लेकिन नोतरे में ही कोई विवाद हुआ होगा।

हर माह औसत 80 लाेग होते हैं भर्ती
एमजी अस्पताल में हर महीने औसतन 70 से 80 लाेगाें काे जहर पीने पर भर्ती कराया जाता है। इनमें अकेले मेल वार्ड में ही महीने में 50 से 60 मामले आते हैं। ज्यादातर मामलों में लाेग कीटनाशी पी लेते हैं। ज्यादातर खुशनसीब हाेते हैं, जिन्हें समय पर इलाज मिल जाता है, जबकि कइयों की माैत हाे जाती है।

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