प्रधानाचार्य के पदस्थापन का टाइम फ्रेम घोषित:पदोन्नति के बाद अब खत्म हुआ प्रधानाचार्यों का इंतजार, ऑनलाइन काउंसिलिंग होगी

शिक्षा विभाग ने आखिरकार लंबे इंतजार और शिक्षक संगठनों के आंदोलन के बाद उप प्रधानाचार्य से प्रधानाचार्य पद पर पदस्थापन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग कार्यक्रम का टाइम फ्रेम जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023-24 की डीपीसी से पदोन्नति तो दे दी थी लेकिन पदस्थापन नहीं दिया था।
ऐसे में हालात ये उत्पन्न हो गए कि कई स्कूलों में दो-दो प्रधानाचार्य हो गए हैं। जबकि, कई स्कूल बिना मुखियाओं के बिना ही संचालित हो रही हैं। अब शिक्षा विभाग ने 24 मार्च को प्रधानाचार्य पद के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग कार्यक्रम जारी कर दिया है। अब सब कुछ ठीक ठाक रहा, तो अगले माह वार्षिक परीक्षा से पूर्व जिले सहित प्रदेशभर के स्कूलों को मुखिया मिल जाएंगे। फिलहाल हालात ये है कि प्रदेश के करीब साढ़े सात हजार से ज्यादा विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के पद खाली हैं।
पदस्थापन के इंतजार में हो गए सेवानिवृत्त
विभाग ने 24 जनवरी 2025 को 5005 उप प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य बनाकर मौजूदा कार्यरत स्कूल में ही पदस्थापन दे दिया था। पदस्थापन के लिए प्रक्रिया प्रारभ की गई। पर, तकनीकी समस्या के चलते काउंसलिंग स्थगित कर दी थी। इनके पदस्थापन के लिए काउंसलिंग का इंतजार करते-करते 828 पदोन्नत प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हो गए थे। ऐसे में अब 4177 नव पदोन्नत प्रधानाचार्य ही शेष बचे हैं।
पदस्थापन के बाद भी रिक्त रहेंगे पद
प्रदेश में 19 हजार 562 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 17 हजार 783 प्रधानाचार्य के पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 10 हजार 206 स्कूलों में प्रिंसिपल कार्यरत हैं। करीब 7577 रिक्त पदों पर 4 हजार 177 का नव पदोन्नत प्रधानाचार्यों का पदस्थापन करने पर करीब 3400 स्कूलों में पद रिक्त रह जाएंगे। वहीं, दूसरी ओर हाल ही में प्रधानाचार्य से डीईओ पद पर भी डीपीसी हुई है। उनके भी पदस्थापन की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही हैं। ऐसे में 280 पद और रिक्त होने से कुल 3680 पद रिक्त हो जाएंगे।