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गेहूं, केरोसिन, चीनी व चना वितरण में गड़बड़ी की जांच करने पहुंची जयपुर से रसद विभाग की टीम

Banswara
गेहूं, केरोसिन, चीनी व चना वितरण में गड़बड़ी की जांच करने पहुंची जयपुर से रसद विभाग की टीम
@HelloBanswara - Banswara -

जिले में लंबे समय से राशन डीलरों द्वारा किए जा रहे घाेटालों और उस पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर भास्कर ने लगातार खबरें प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों का ध्यान खींचा था। इसी का नतीजा है कि जिले में राशन की दुकानों पर गेहूं, चना, चीनी और केरोसिन वितरण में की गई गड़बड़ी की जांच करने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग जयपुर से टीम बांसवाड़ा आई। दो दिन तक राशन की दुकानों पर जांच कर डीलरों और उपभोक्ताओं के बयान लिए गए। विभाग के शासन सचिव नवीन जैन के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बांसवाड़ा भेजी। टीम में विभाग के सहायक आयुक्त जेपी बैरवा, सहायक आयुक्त (सतर्कता) रामचरण मीणा, प्रवर्तन निरीक्षक विनोद जुनेजा शामिल रहे। टीम ने लगातार दो दिन (गुरुवार, शुक्रवार) जांच की। जिसमें सहायक आयुक्त जेपी बैरवा ने ऑफिस के सभी रिकॉर्ड की जांच की गई। वहीं सहायक आयुक्त (सतर्कता) रामचरण मीणा, प्रवर्तन निरीक्षक विनोद जुनेजा ने फील्ड में मोर्चा संभाले रखा। जहां शहर के राशन डीलर के साथ ही उपभोक्ताओं के घर पर भी जाकर बयान लिए गए। टीम ने गेहूं, केरोसिन, चीनी, चना, दाल सभी प्रकरण की तहकीकात की गई। दो दिन की जांच की सारी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देंगे।


राशन डीलरों से स्टॉक, वितरण के बारे में पूछा: जांच टीम ने शहर के राशन डीलर के यहां पहुंचे। जहां उन्होंने गोदाम में स्टॉक के साथ मशीन में स्टॉक की भी जांच की गई। साथ ही गेहूं के वितरण के अलावा केरोसिन, चीनी, चना के बारे में भी पूछताछ की गई। राशन डीलर विनोद गोतम, गोतम लाई भोई, गौरव शर्मा, दिलीप निनामा सहित राशन डीलर के यहां जांच की गई। डीलर के सामने ही उपभोक्ता से मिलने वाले अनाज के बारे में जानकारी ली। जिसमें उपभोक्ताओं ने लम्बे समय से केरोसिन नहीं मिलने की शिकायत करते नजर आए।


अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह
जयपुर से आई टीम ने राशन डीलरों की जांच के साथ ही मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की भूमिका की जांच की है। आयुक्त जेपी बैरवा ने बताया कि यहां कई मामलों को लेकर शिकायत मिली थी, जिसको लेकर टीम जांच के लिए आई है। ये रिपोर्ट शासन सचिव को सौंपी जाएगी। बैरवा ने बताया कि प्रकरण में कोई अधिकारी भी दोषी पाया जाता है तो विभाग उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगा। माना जा रहा है कि जहां कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच भास्कर ने गेहूं से लेकर केरोसिन तक के घोटालेे उजागर किए थे, उसके बावजूद भी जिला अधिकारियों की तरफ से किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से भी सवाल उठ रहे थे।

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