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फर्जी डिग्री वाले स्टूडेंट्स की जांच यूनिवर्सिटी व डिग्री देने वाले गिराेह की जांच करेगी पुलिस

Banswara
फर्जी डिग्री वाले स्टूडेंट्स की जांच यूनिवर्सिटी व डिग्री देने वाले गिराेह की जांच करेगी पुलिस
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा| रीट 2021 में शुक्रवार से लेवल 1 के डीवी चयनित अभ्यर्थियाें के दस्तावेजाें की जांच शुरू हाे चुकी है। इसी बीच फर्जी डिग्री से चयनित हाेने वाले अभ्यर्थियाें के भास्कर के खुलासे के बाद शिक्षा विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्याेंकि 25 मार्च तक चलने वाले डाॅक्यूमेंट वेरीफिकेशन में फर्जी अभ्यर्थियाें की तलाश और उनके दस्तावेजाें की जांच कर उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर करना है। इसलिए शिक्षा विभाग ने भी जीजीटीयू से जांच कराने के लिए रजिस्ट्रार और पुलिस अधीक्षक काे पत्र लिखकर मदद मांगी है। अब तक विभाग अभ्यर्थियाें की डिग्री के लिए संबंधित काॅलेज और यूनिवर्सिटी की मान्यता काे ही आधार मानता रहा है। भास्कर खुलासे के बाद यह आफत बढ़ गई है कि कितने अभ्यर्थियाें के बारे में जांच की जाए कि वाे जिस साल में एसटीसी की डिग्री लाए उस साल में वाे दूसरी काॅलेज में नियमित पाठ्यक्रम में पढ़ रहे थे। प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा विभाग की और से अब तक की गई कार्रवाई के संबंध में निदेशालय भेजी है।

 

क्या था मामला :

शिक्षक भर्ती रीट 2021 लेवल-1 में नई चीट
संभागीय आयुक्त के आदेश पर डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन से पहले अब मेडिकल बाेर्ड से जांच हाेगी; बांसवाड़ा के 7, उदयपुर के 2 और डूंगरपुर की 1 अभ्यर्थी का नाम सामने आया

    दिव्यांग के फर्जी सर्टिफिकेट लेकर नियुक्ति की फिराक में 9 अभ्यर्थी
    रीट लेवल 1 में टीएसपी से डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए चयनित अभ्यर्थियों की एसटीसी के फर्जी डिग्री के खुलासे के बाद अब एक नया मामला सामने आया है। जिसमें कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर विशेष योग्यजन की केटेगरी में फायदा उठा लिया है। इसमें भी सबसे अधिक 7 केंडिडेट बांसवाड़ा जिले के और 1-1 कैंडिडेट्स डूंगरपुर और उदयपुर जिले के हैं। मामला सामने आते ही उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने कलेक्टर बांसवाड़ा काे तत्काल आदेश जारी कर लेवल-1 के दस्तावेजों की जांच से पहले अभ्यर्थियों का मेडिकल बोर्ड से जांच करने के बाद ही वेरिफाई करने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल इस मामले में प्रदेश के कुछ दिव्यांग अभ्यर्थियों ने संभागीय आयुक्त काे नामजद शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें खासबात है कि जिस अभ्यर्थी की फर्जी तरीके से दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने की शिकायत सामने आई है, उसमें एक का नाम ताे सूची में सबसे पहले नंबर पर है। टीएसपी में सबसे पहले क्रम पर बांसवाड़ा के लाेकेश कुमार लबाना का नाम शामिल है। इसके अलावा 6 नंबर पर उमेश नायक, 8 नंबर पर भरत नायक, 23 नंबर पर वर्षा, 118 नंबर पर सावित्री कुमारी राठाैड़, 123 पर परमेश्वर राठाैड़, 40 पर राजेंद्र कुमार लबाना का नाम शामिल है। वहीं डूंगरपुर के अभ्यर्थी भावना पाटीदार का सूची में 20 और उदयपुर के अभ्यर्थी मुकेश सुथार का सूची में 16वें नंबर पर नाम है।

     

    डूंगरपुर की महिला अभ्यर्थी के रीट में 23 अंक, फिर भी डीवी की सूची में नाम

    {रीट में 18.66 फीसदी अंक, सबसे कम कटऑफ भी 54 अंक पर फिर भी डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन में चयन
    डूंगरपुर जिले में डीवी में अभ्यर्थियों के चयन में निदेशालय की भी बड़ी गलती सामने आई है। जिसमें एक महिला अभ्यर्थी के कटऑफ से भी कम हाेने पर उसका चयन दस्तावेजों की जांच के लिए किया है। टीएसपी की सूची में 361 नंबर पर अभ्यर्थी हरसिद्धि पुत्री यशवंत कुमार सेवक का नाम शामिल है। जब हरसिद्धि के रीट मार्कशीट की जांच की ताे उसने औबीसी केटेगरी में आवेदन किया है और उसके रीट में कुल 150 में से 23 नंबर ही प्राप्त हुए हैं। यानि 18.66 प्रतिशत अंक। जबकि टीएसपी में इतनी कम कट आॅफ किसी भी केटेगरी में नहीं आई है। टीएसपी में सबसे कम कट आॅफ 54 नंबर की एसटी विधवा और परित्यक्ता महिलाओं की ही गई है।

    एसटीसी की फर्जी डिग्री पर भास्कर के खुलासे के बाद लेवल-1 के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच शुरू
    टीएसपी में 80 अभ्यर्थियों की एसटीसी की डिग्री फर्जी निकलने के मामले में बांसवाड़ा का शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। शुक्रवार से लेवल 1 के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच शुरू हाे रही है। आमतौर पर डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन में अब तक डिग्री जिस काॅलेज से प्राप्त की उसकी मान्यता ही देखी जाती रही है, लेकिन अब विभाग के उलझन में है कि इन 80 कैंडिडेट्स के एसटीसी करने या नहीं करने की पुख्ता जांच कैसे की जाए? विभागीय अधिकारी अब जीजीटीयू से संपर्क कर वर्तमान में अध्ययनरत अभ्यर्थियों की सूची जुटाने लगे हुए हैं।


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